विदर्भ

भागवत कथा जीवन की व्यथा दूर करती है : देवी वैभवीश्री

प्रवचन सुनने श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़

मोर्शी / दि. ३– भागवत कथा जीवन की व्यथा को दूर कती है. भागवत कथा राम धर्म स्वरूप है. मानवता धर्म एकही धर्म है. इसलिए हमेशा ईश्वर भक्ति के लिए समय निकालना जरूरी है. लोभ व मोह मनुष्य को अंधकार की ओर ले जाता है, यह विवेचन देवी वैभवीश्री ने भागवत कथा में किया. कॉलनी परिसर के पुनर्वास क्षेत्र में अंकुश घारड की पहल से भागवत कथा का आयोजन किया है. देवी वैभवीश्री की अमृत वाणी में प्रवचन सुनने महिलाओं की भीड़ उमडी. कथा के पहले दिन विधायक देवेंद्र भुयार के हाथों पूजा की गई. कथा प्रवचन दौरान प्रसिद्ध युवा व्याख्याता सोपान कनेरकर ने उपस्थित रहकर युवाओं से संवाद किया. देवी वैभवीश्री ने कहा कि, जब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकलता तब तक कितनाही बोले व्यर्थ है. मन पर नियंत्रण रखना हो तो अपने श्वास पर नियंत्रण पाना जरूरी है. मनुष्य को अगर क्रोध आया तो श्वास पर परिणाम होता है. मन पर नियंत्रण पाने के लिए प्राणायाम, योगा की जिस प्रकार से जरूरत होती है,उसी प्रकार ईश्वर का नाम स्मरण करने पर हम श्वास पर नियंत्रण पा सकते है.

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