विदर्भ

कचरे में फेंके ‘वह भ्रूण’ पुरोहित नर्सिंग होम के!

चार लोगों के बयान दर्ज, सीसीटीवी फुटेज से हुआ पर्दाफाश

नागपुर/ दि.12 – स्थानीय टेलिफोन एक्सचेंज चौक से अनिल होटल की ओर जाने वाले रोड पर मिले 6 भू्रण पुरोहित नर्सिंग होम व हॉस्पिटल के हैं. पुलिस जांच के दौरान यह बात उजागर होने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कबाड व्यापारी सहित 4 लोगों के बयान दर्ज किये.
स्थानीय क्वेटा कॉलोनी स्थित पुरोहित नर्सिंग होम विगत कई वर्षों से बंद है. कुछ दिन पहले उसके नवीनीकरण का ठेका दिया गया. उसका काम चल रहा था. एक कर्मचारी ने हॉस्पिटल की लोहे की सामग्री व अन्य सामान 6 हजार रुपए में कबाड व्यापारी को बेचा.
व्यापारी ने काम की सामग्री अपने पास रखते हुए अन्य बेकार सामग्री कचरे में फेंक दी. इसमें 6 भ्रूण का भी समावेश था. बुधवार की दोपहर कचरा चुनने वाला वहां आया उसने कंटेनर से भ्रूण फेंक दिए और कंटेनर लेकर वह निकल गया. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने यह गुत्थी सुलझायी. लकडगंज पुलिस ने गुरुवार को कबाड व्यापारी के साथ 4 लोगों को कब्जे में लेकर पूछताछ की. उनके बयान दर्ज किये, तब कबाड व्यापारी ने यह भ्रूण पुरोहित नर्सिंग होम व अस्पताल से लाए जाने की बात कबूली. पुलिस ने पुरोहित हॉस्पिटल के संचालक डॉ.गोकुल पुरोहित व अन्य कुछ लोगों से पूछताछ की.
जांच के दरमियान पता चला कि 2016 में डॉ.गोकुल पुरोहित की पत्नी डॉ.यशोदा का निधन हुआ. वह स्त्री रोग विशेषज्ञ थी. हॉस्पिटल में डॉ.यशोदा प्रशिक्षणार्थी डॉक्टरों को प्रशिक्षण देती थी. तब प्रशिक्षण के लिए यह भ्रूण लाये जाने की जानकारी मिली है.
पुलिस को इस भ्रूण के बारे में हो रही आशंका का समाधान करना है. यह भ्रूण डॉ.पुरोहित के यहां कहा से आए, वह संग्रहित करने के लिए क्या उन्होंने इजाजत ली थी, उसकी जानकारी दर्ज कर रखी थी या नहीं, आदि सवालों के जवाब प्राप्त करने का प्रयास पुलिस कर रही है. संबंधित विभागों से जानकारी पूछकर जवाब ढूंढे जा रहे हैं.
कचरे में मिले 6 भ्रूण का मेयो हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है. जिसके बाद यह भ्रूण कब लाए गए थे, यह बात स्पष्ट हुई. मामले की गहराई से जांच की जा रही है. जैविक कचरा नष्ट करने के नियमों की जानकारी प्राप्त की जा रही है. अपराध दर्ज कर जांच जारी है. महापालिका व फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी, ऐसी जानकारी पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने दी.

17 अस्पतालों की जांच
महापालिका प्रशासन ने गुरुवार को परिसर के 17 नर्सिंग होम व अस्पतालों की जांच की. इस परिसर के अस्पतालों से जैविक कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया किस तरह की जाती है, इसकी जांच की जा रही है. साथ ही उसके निकास की जिम्मेदारी जिस सुपर्ब हाइजीनिक डिस्पोजल कंपनी पर है, उससे सभी अस्पतालों की जानकारी मांगी गई है.
क्वेटा कॉलोनी परिसर की इस घटना के पश्चात महापालिका के स्वास्थ्य विभाग ने परिसर के 17 अस्पतालों को नोटीस भेजी है. इस घटना के पश्चात संदेह के घेरे में रहे रेडियंस हॉस्पिटल की जांच की गई. महापालिका के दस्तावेज में इस अस्पताल का पंजीयन पीसीपीएनडीटी कानून अंतर्गत हुआ है. महापालिका की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेंद्र बहिरवार ने बताया कि आवश्यक सभी बातों की मंजूरी इस अस्पताल को दी गई है. महापालिका से परिसर के 17 अस्पताल व्दारा किस तरह का जैविक कचरा भेजा जाता है, उसमें मानवीय अंगों का समावेश रहता है क्या? आदि के बारे में जानकारी पुलिस व्दारा पूछी गई है. इसके अलावा लकडगंज पुलिस ने कंपनी से कुछ सवाल पूछे गए हैं. जिनमें जैविक कचरा संकलित करने की प्रक्रिया कैेसे है, कचरा संकलित करते समय उसमें किस तरह के कचरे का समावेश रहता है, इसकी लिखित जानकारी रहती है क्या, लकडगंज पुलिस थाने के परिसर के कितने प्रसूतिगृहों से कचरा संकलित किया जाता है, गर्भपात के पश्चात जैविक कचरे के निकास की जानकारी रखी जाती है क्या, आदि सवालों का समावेश है. जांच के पश्चात दोषी पाए जाने वाले अस्पताल के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी. पीसीपीएनडीटी कानून के तहत यह अस्पताल सील भी किया जाएगा, ऐसी जानकारी अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने दी.

 

 

Related Articles

Back to top button