चार विधानसभा क्षेत्रो में भाजपा विधायक, फिर भी तडस पराजित
जिम्मेदारी उठाने वाले कंधे कमजोर निकले
वर्धा/दि. 7– वर्धा में भाजपा विधायक पंकज भोयर, आर्वी में विधायक दादाराव केचे, हिंगणघाट में समीर कुणावार, धामणगांव में प्रताप अडसड पर अहम जिम्मेदारी थी. वर्धा निर्वाचन क्षेत्र में 7 हजार वोटों से तडस पीछे रहे. लोकसभा का 2024 का चुनाव न केवल रोचक रहा, बल्कि इसके नतीजे भी चौकाने वाले रहे. उम्मीद थी, कि रामदास तडस की जीत का अंतर 50 हजार वोटों का होगा, लेकिन परिणाम विपरित निकले और राकांपा शरद पवार गुट के अमर काले 81 हजार वोटों से जीत गए. 6 में से 4 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा विधायक होने के बाद भी सभी निर्वाचन क्षेत्रों में तडस पिछड गए. पार्टी नेतृत्व ने सभी विधायकों को जीत की जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन जिम्मेदारी उठानेवाले कंधे कमजोर निकले.
देवली में अमर काले ने 32 हजार की लीड लेकर जीत की नींव मजबूत की देवली सांसद तडस का गृहक्षेत्र है. फिर भी यहां कांग्रेस के रणजीत कांबले का जादू चला. आर्वी में 14 हजार वोटों से, हिंगणघाट में 15 हजार और धामणगांव में 17 हजार वोटों से तडस पीछे रहे. आर्वी, हिंगणघाट के विधायकों ने 50 हजार की लीड का आश्वासन दिया था. केवल मोर्शी में तडस को 12 हजार की लीड मिली. अमर काले ने बाकी सभी जगह जमकर वोट बंटोरे. मोर्शी में अजित पवार समर्थक विधायक देवेंद्र भुयार और देवली में भाजपा विधायक नहीं होने से यहां की जिम्मेदारी भाजपा के राजेश बकाने पर थी. विधायकों में घबराहट है क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने पहले ही कह दिया था कि, जहां से लीड होगी उसी क्षेत्र के विधायक को दोबारा मौका मिलेगा. वर्धा हाथ से छूटा, क्योंकि जनता ही नहीं पार्टी की भी इच्छा थी कि, इस बार चेहरा बदला जाए पर नेतृत्व ने किसी की नहीं सुनी.