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विशेष पुलिस पथक की कार्रवाई
नागपुर/दि.27 – रेमडेसिवीर इंजेक्शन के बाद अब टोसिलीजुमैब इंजेक्शन की भी कालाबाजारी शुरु कर दी है. 1-1 लाख रुपए तक इंजेक्शन बेचे जा रहे है. नागपुर झोन-2 की डीसीपी विनिता साहू को जब इस बात की भनक लगी की कुछ लोग टोसिलीजुमैब इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे तब उन्होंने विशेष पुलिस पथक को कार्रवाई के आदेश दिए.
विशेष पुलिस पथक द्बारा जाल बिछाकर दो डॉक्टर सहित तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विशेष उर्फ सोनू जीवनलाल बाकट (26 मरारटोली), रामफल लोलर वैश्य (24 भागीरथी अर्पाटमेंट नरेन्द्र नगर) तथा सचिन अशोक गेवरीकर (20) का समावेश है. तीनों ही मूलत: मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के रहनेवाले है.
एक्टेमरा कंपनी का टोसिलीजुमैब इंजेक्शन की एमआरपी 40,600 रुपए है और यह इंजेेक्शन मरीज को लास्ट स्टेज पर दिया जाता है. शहर में इन दिनों इस इंजेक्शन की किल्लत है. जिसकी शहर के कुछ मौकापरस्त लोग कालाबाजारी कर रहे है. डीसीपी विनिता साहू को इस बात की जानकारी प्राप्त हुई उन्होंने विशेष पुलिस दस्ते कोे ग्राहक बनाकर आरोपियों से संपर्क करने के लिए कहा. जब आरोपियों से संपर्क किया गया आरोपियों से 1 लाख रुपए में इंजेक्शन का सौदा तय हुआ.आरोपियों द्बारा सचिन को इंजेक्शन की डिलीवरी के लिए भिजवाया गया अमरावती रोड पर स्थित लॉ कॉलेज के समीप सचिन को गिरफ्तार कर लिया गया. सचिन से पूछताछ करने पर उसने अपने दो साथियों के नाम बताए. जिसमें उसके दो साथी विशेष उर्फ सोनू तथा रामफल लोलर को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
28 तक आरोपी पीसीआर में
गिरफ्तार किए गए तीनो ही आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया. न्यायालय द्बारा इन आरोपियों को 28 तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए गए. तीनो ही आरोपी एक ही गांव के रहने वाले ेहैे और दोस्त है. सचिन बीए प्रथम वर्ष में शिक्षारत है जबकि विशेष व रामफल बीएचएमएस डॉक्टर है. आरोपियों के पास इंजेक्शन कहां से आए उनसे पूछताछ जारी है. यह कार्रवाई डीसीपी विनिता साहू के मार्गदर्शन में सब इनस्पेक्टर कुणाल धुरत, कॉ. रामदास नेरकर, कॉ. आशीष वानखेडे, संतोष शेंद्रे द्बारा की गई.