बोर के युवराज मेहमानों के लिए पहुंचे ‘कोअर क्षेत्र’ में
बढ़ती ठंड के कारण बाघ का ‘सेफ झोन’ की तरफ कूच
वर्धा/दि.13- देश के सबसे छोटे व्याघ्र प्रकल्प के रुप में बोर व्याघ्र प्रकल्प की पहचान है. ऐसे में बोर का कोअर क्षेत्र बाघ के लिए काफी सुरक्षित परिसर माना जाता है. इस व्याघ्र प्रकल्प में दस से अधिक बाघ हैं. इसमें प्रौढ़ बाघों में बीटीआर-8 इस युवराज नामक बाघ का समावेश है. वैसे यह बोर व्याघ्र प्रकल्प के बफर झोन में मुक्त संचार करता है. लेकिन फिलहाल ठंड के दिनों में युवराज नामक इस बाघ के बोर व्याघ्र प्रकल्प के कोअर जोन में दर्शन हो रहे हैं. रविवार को जंगल सफारी के लिए बोर व्याघ्र प्रकल्प में पहुंचे कुछ पर्यटकों को बीटीआर-8 युवराज के दर्शन हुए.
बीटीआर-8 युवराज नामक बाघ यह बोर व्याघ्र प्रकल्प की रानी बीटीआर-3 कैटरीना नामक बाघिन का बेटा है तथा बीटीआर -7 पिंकी नामक बाघिन यह युवराज की बहन है. पिंकी नामक बाघिन को पिंजरे में कैद करने के लिए वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी विशेष प्रयास कर रहे हैं. इसी पृष्ठभूमि पर वर्तमान में पिंकी के भाई युवराज के बोर व्याघ्र प्रकल्प के कोअर जोन में पर्यटकों को दर्शन हो रहे हैं. इस कोअर जोन में वर्तमान में संचार कर रहे युवराज नामक बाघ का वैसे कारंजा तहसील के जंगल परिसर में मुक्त संचार रहता है. वह अनेक बार बोर के कोअर जोन में आता रहा तो भी ठंड के दिनों में उसने अपना डेरा सेफ जोन वाले बोर के कोअर क्षेत्र में जमाया है. इसी कारण पर्यटकों को भी उसके दर्शन हो रहे हैं.
अवकाश के दिन पर्यटकों की भीड़
बारिश का मौसम समाप्त होने के बाद वर्तमान में बोर व्याघ्र प्रकल्प पर्यटकों के लिए खुला किया गया है. इतना नहीं बल्कि यहां शनिवार और रविवार अवकाश के दिन जंगल सफारी के लिए पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है. रविवार 11 दिसंबर को बोर व्याघ्र प्रकल्प में जंगल सफारी के लिए पहुंचे कुछ पर्यटकों को सफारी शुरु किए जाने पर केवल तीन कि.मी. की दूरी पर बोरबन इलाके में युवराज के दर्शन हुए. पर्यटकों को देखते ही युवराज दहाड़ता हुआ जिप्सी का मार्ग पार कर जंगल की ओर चला गया.