शिरजगांव कसबा/दि.7 – प्रति वर्ष पोला त्यौहार ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन पिछले दो वर्षों से कोरोना के बढ़ते प्रादुर्भाव के कारण सादगी से मनाया जा रहा है. इस वर्ष भी शासनादेश के कारण पोला त्यौहार उत्साह के साथ सादगी से मनाया गया. बैलों की घर पर ही पूजा अर्चना की गई. सुबह से ही पोले की तैयारियां जोरों से शुरु थी. सुबह बैलों को स्नान कराकर रंगबिरंगी रंगों से सजाया गया. हर किसी ने अपने-अपने हिसाब से बैलों की सजावट की उसके बाद हल्दी चंदन से तिलक लगाकर पूजा आरती की गई. भोग के तौर पर मीठा बनाकर खिलाया गया.
सालभर किसानों की सहायता करने वाले इन बैलों के पूजन का एक दिन मिलता है.इस दिन किसान बैलों से कोई काम नहीं करवाते बल्कि उन्हें सजाकर घुमाते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. पोले के दूसरे दिन बच्चे तान्हा पोला मनाते हैं, जिसमें वह मिट्टी से बने बैलों की पूजा कर घर-घर लेकर घुमते हैं. लेकिन इस वर्ष तान्हा पोला भी नहीं मनाया गया.
नहीं लगा मेला
बैल पोला के त्यौहार पर हर वर्ष स्थानीय साप्ताहिक बाजार में सजावट प्रतियोगिता और मेला लगता था. लेकिन विगत दो वर्षों से कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए व प्रशासन के आदेश के बाद मेला का आयोजन नहीं किया गया. किसानों ने घर पर ही बैलों की पूजा कर पोले के पर्व को सादगी पूर्ण तरीके से मनाया.