विदर्भ

विवाह मुहूर्तो के बाद भी बुकिंग में कमी को लेकर व्यवसायी परेशान

शॉटकट में निपटाए जा रहे विवाह समारोह

नागपुर प्रतिनिधि/दि.२८ – कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए लॉकडान में वैसे तो सभी क्षेत्रों के व्यवसायियों को नुकसान उठाना पडा था. किंतु विवाह समारोह से संबंधित व्यवसायी ज्यादा प्रमाण में प्रभावित हुए थे. पिछले साल पूरा गर्मियों का सीजन इन व्यवसायियों के हाथ से निकल गया अब इन्हें अनलॉक के पश्चात उम्मीद की किरण दिखायी दी थी. किंतु दीपावली पर खरीदी के निकली भीड और ठंड के कारण संक्रमितों की संख्या बढने की आशंका से फिर इन व्यवसायियों की उम्मीद पर पानी फिर गया है.
जिन परिवारो के विवाह संबंध जुडे है वे अब कोरोना की वापसी के भय से शॉटकट में विवाह समारोह निपटाने का मानस बना चुके है. वहीं सरकार ने भी विवाह समारोह में समिति लोगों को ही बुलाने का नियम लागू कर दिया है. अब इन व्यवसायियों के हाथ से ठंड का सीजन भी निकल जाने की आशंका बढ गई है.

  • लॉन, मंगलकार्यालय बुकिंग में आयी कमी

गर्मियों के सीजन के पश्चात ठंड में विवाह समारोह की रेल-चेल होती है. इन दिनों मंगल कार्यालय व लॉन में बुकिंग के लिए प्रतिक्षा करनी पडती है. एक माह में प्रत्येक मंगल कार्यालय २० से २५ दिनों तक बुक रहता है. किंतु दिसंबर-जनवरी माह में विवाह समारोह से संबंधित बुकिंग में कमी आयी है. पहले की तुलना में आधी भी बुकिंग नहीं हो पायी है. जिसमें करोडो रुपए के व्यवसाय पर इसका असर पडने की आशंका है. विवाह समारोह में प्रशासन द्वारा सीमित ही लोग शामिल किए जाने के निर्देश दिए जाने के पश्चात लोग आस-पास के मैदान में ही या फिर अपने घरों के सामने ही शादि समारोह निपटा रहे है. जिसके चलते मंगल कार्यालयों व लॉन की बुकिंग में कमी आयी है.

  • वॉटसअप पर दिए जा रहे निमंत्रण

प्रशासन द्वारा विवाह समारोह में सीमित ही लोगों को शामिल होने की अनुमति दिए जाने पर लोग अब निमंत्रण पत्रिकाएं भी छाप नहीं रहे. रिश्तेदारों को वॉटसअप पर ही निमंत्रण भेजे जा रहे है. इसके कारण निमंत्रण पत्रिका छापने वाले व्यवसायियों पर भी इसका असर पडा है. यह व्यवसाय भी ठप हो गया है. उसी प्रकार बैंड वादक, फेटे बांधने वाले, घोडा आदि व्यवसाय से जुडे कुछ ही व्यवसायियों को ऑर्डर मिल रहे है. कैटरिंग व्यवसाय पर इसका खासा असर दिखायी दे रहा है. पहले जहंा १५०० से २ हजार लोगों के लिए भोजन का आर्डर दिया जाता था. अब यह संख्या २०० से ४०० तक पहुंच गई है. जिसमें कैटरिंग व्यवसाय पर भी इसका असर हुआ है.

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