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मन में आत्महत्या का विचार आते ही ‘डायल 104’ पर करें कॉल

प्रेरणा प्रकल्प के तहत उपलब्ध कराई जाती है समूपदेशन की सुविधा

अमरावती /दि.26– किसान आत्महत्याग्रस्त विदर्भ व मराठवाडा के 14 जिलों में निराशा का शिकार रहने वाले किसानों को जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त हो, इस हेतु मानसोपचार विशेषज्ञों द्वारा समूपदेशन किया जाता है. जिसके लिए सरकार द्वारा 8 वर्ष पहले प्रेरणा प्रकल्प शुरु किया गया था. जिसके अंतर्गत अब तक 30 हजार से अधिक किसानों का समुपदेशन किया जा चुका है. हालांकि इसके बावजूद भी कई बार किसानों के संघर्ष पर निराशा हावी हो जाती है और वे आत्मघाती कदम उठा लेते है, इसके साथ ही इन दिनों जीवन से जुडी विभिन्न परेशानियों के चलते विभिन्न आयु वर्ग के व्यक्तियों विशेषकर युवाओं द्वारा आत्महत्या का पर्याय चुन लिया जाता है. ऐसे में यह बेहद जरुरी है कि, यदि दिल में आत्महत्या करने का ख्याल भी आये, तो सबसे पहले डायल 104 इस हेल्पलाइन क्रमांक पर संपर्क किया जाना चाहिए, ताकि अपने समक्ष मौजूद रहने वाले समस्या का समुपदेशन के जरिए समाधान खोजा जा सके.
राज्य में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं पश्चिम विदर्भ और विशेषकर अमरावती जिले मेें हो रही है. जहां प्रत्येक 30 घंटे के दौरान किसी ना किसी एक किसान द्वारा मृत्यु को गले लगाया जा रहा है. ऐसे में इस प्रकल्प के तहत निराशाग्रस्त किसानों व उनके परिजनों हेतु मानसोपचार की व्यवस्था की गई है. लेकिन इसके लिए पर्याप्त मानसोपचार विशेषज्ञ व कर्मचारी ही उपलब्ध नहीं है. जिसकी वजह से यह प्रकल्प कोई विशेष उपलब्ध हासिल नहीं कर सका. सबसे खास बात यह है कि, किसानों को प्रेरणा प्रकल्प एवं डायल 104 हेल्पलाइन क्रमांक के बारे में कोई विशेष जानकारी ही नहीं है. जिसका प्रचार-प्रसार करने और जनजागृति करने के काम में सरकार और प्रशासन काफी हद तक नाकाम साबित हुए है.

* महिलाओं की बजाय पुरुषों का प्रमाण अधिक
– किसान आत्महत्या जैसे मामलों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का प्रमाण बेहद नगण्य है.
– आत्महत्या करने वाले किसानों में 30 से 45 वर्ष आयु वर्ग वाले युवा किसानों का प्रमाण सबसे अधिक है.
– इसके अलावा 2 से 3 लाख रुपए के कर्ज व 5 एकड से कम खेत रहने वाले किसानों का प्रमाण भी आत्महत्या के मामले में सर्वाधिक है.

* आत्महत्या की वजहें
अब तक किये गये सर्वेक्षण में किसान आत्महत्या के लिए प्राकृतिक आपदा, अकाल, फसल की बर्बादी, बैंकों अथवा साहुकारों का कर्ज, कर्ज वसूली हेतु लगाया जाने वाला तगादा, बच्चों की शादी, घर के किसी सदस्य की बीमारी जैसी वजहे सामने आयी है. इसके अलावा पारिवारिक कलह व व्यसनाधिनता जैसी वजहें भी आत्महत्या के कारण बनती है.

* क्या है प्रेरणा प्रकल्प
राज्य सरकार ने 104 क्रमांक पर नि:शुल्क हेल्पलाइन सेवा शुरु की है. इसके अलावा अमरावती जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. साथ ही साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर मनशक्ति क्लिनीक शुरु किये गये है.

* 8 वर्ष में 30 हजार लोगों का समूपदेशन
जिले में प्रेरणा प्रकल्प की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी और तब से लेकर अब तक 30,358 किसानों का समूपदेशन किये जाने की जानकारी है. परंतु इसके बावजूद भी अमरावती जिले में किसान आत्महत्याओं का सिलसिला लगातार जारी है.

* आत्महत्या का ख्याल आते ही 104 अथवा 14416 इन टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों पर तुरंत कॉल करनी चाहिए. कॉल करने वाले व्यक्ति को संभालने और उसे जीवन जीने हेतु आधार देने के लिए समूपदेशन किया जाता है. साथ ही इसकी व्यापकता को बढाने हेतु अधिक से अधिक किसान परिवारों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
– डॉ. स्वाती सोनोने,
प्रकल्प अधिकारी, प्रेरणा प्रकल्प.

* किस माह के दौरान कितनी आत्महत्या?
जनवरी 19
फरवरी 14
मार्च 30
अप्रैल 32
मई 28
जून 29
जुलाई 26
अगस्त 26
सितंबर 35
अक्तूबर 22
नवंबर 26

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