विदर्भ

चार व्याघ्र प्रकल्पों की स्थानीय सलाहकार समिती के गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ती रद्द

राजस्व व वन विभाग ने जारी किया आदेश

नागपुर प्रतिनिधि/दि.9 – राज्य सरकार के राजस्व एवं वन विभाग ने विदर्भ के चार व्याघ्र प्रकल्पों की स्थानीय सलाहकार समिती के गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्तियों को एक आदेश जारी कर रद्द कर दिया है. इन चार व्याघ्र प्रकल्पों में मेलघाट, पेंच, नवेगांव-नागझिरा तथा बोर इन व्याघ्र प्रकल्पों का समावेश है.
बता दें कि, राज्य सरकार ने वर्ष 2012 से इन समितियों को गठित करने की नीति तय की थी और राज्य में निसर्ग पर्यटन को लेकर 20 फरवरी 2008 को नीति घोषित की गई थी. इसके बाद एक जनहित याचिका पर हुए फैसले के चलते वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38 ओ (1), (सी) के तहत व्याघ्र प्रकल्प में निसर्ग पर्यटन से संबंधित मार्गदर्शक निर्देश जारी किये गये. जिन्हें 9 नवंबर 2012 के निर्णयानुसार लागू किया गया. इसके तहत व्याघ्र प्रकल्प के आसपास स्थित क्षेत्रों में पर्यटन, सुविधा उद्योगोें से शुल्क लेकर इस संदर्भ में निर्णय लेते हुए प्राप्त होनेवाली आर्थिक आय से स्थानीय जनता की उपजिविका का विकास करने का प्रावधान किया गया है. जिसके लिए स्थानीय सलाहकार समिती गठित की गई है. विदर्भ के ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प हेतु 15 दिसंबर 2017, मेलघाट व नवेगांव-नागझिरा प्रकल्प हेतु 6 फरवरी 2018 तथा पेंच व बोर प्रकल्प हेतु 6 सितंबर 2018 को यह समिती स्थापित की गई थी, लेकिन बुधवार को जारी आदेश के अनुसार ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प छोडकर अन्य चारों प्रकल्पों की समितियों के गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ती को रद्द कर दिया गया है.

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