
संगमनेर/दि.31 – समाज प्रबोधनकार निवृत्ति महाराज देशमुख उर्फ इंदोरीकर महाराज पर स्थानीय न्यायालय में शुरु रहने वाला मुकदमा न्यायालय ने रद्द ठहराया है. इस फैसले से महाराज को बडी राहत मिली है.
इंदोरीकर महाराज पर किर्तन के दौरान बेटा व बेटी के जन्म बाबत लिंगभेद करने वाले बयान करने के आरोप में स्थानीय संगमनेर न्यायालय में मुकदमा शुरु था. शुरुआत में प्रशासन व्दारा दुर्लक्षित किये इस मामले में अंधश्रद्धा निर्मुलन समिति ने ध्यान दिया. जिससे बढते दबाव का परिणाम के तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर संगमनेर के ग्रामीण अस्पताल के वैद्यकीय अधिक्षक डॉ.भाष्कर भंवर ने 19 जून 2019 को इस मामले में अपराध दर्ज किया था. इसके बाद संगमनेर न्यायालय मेें इस मामले में मुकदमा शुरु था. जिसमें संगमनेर स्थित जिला व सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई. जिसमें यह मुकदमा रद्द करना चाहिए इस तरह की मांग इंदोरीकर महाराज की ओर से उनके वकीलों ने की. महाराज की इस अर्जी को मान्य करते हुए यह मुकदमा रद्द ठहराया गया है. इंदोरीकर महाराज के वकील के रुप में के.डी.धुमाल ने काम संभाला. सहायक सरकारी वकील के रुप में काम संभालने वाले एड.बी.जी.कोल्हे इस मुकदमें से पीछे हट गए थे. यह फैसला बाहर आने के बाद इंदोरीकर महाराज के समर्थकों ने मिठाई बांटकर आनंद व्यक्त किया.
- इस मुकदमें में केवल फैसला सुनाया गया है. हमें न्याय नहीं मिला, इसके लिए हम हाईकोर्ट में जायेंगे.
– एड.रंजना गवांदे, सामाजिक कार्यकर्ता संगमनेर