परतवाडा/दि.17 – जिले के बाजार समिति के कार्यक्षेत्र में जिनिंग, रेचा, सीधे लाइसेंस धारकों ने की कपास खरीदी व उसपर बाजार सेस, देखरेख फीस के बारे में तत्काल जानकारी देकर वैसी रिपोर्ट भेजकर बगैर अनुमति कपास खरीदी, नियमानुसार सेस न भरने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के आदेश जिला उपनिबंधक ने दिये. उससे सेस चोरी करने वालों में खलबली मच गई है.
जिले के कृषि उपज बाजार समिति के कार्यक्षेत्र में हो रही कपास खरीदी में खरीददारों बाजार समिति की ओर बाजार सेस व देखरेख फीस वसूल करना जरुरी है. यह सेस वसूल करने की जिम्मेदारी बाजार समिति की है, ऐसा उन्हें अधिकार भी है. मगर खरीदी व शेष के बारे में स्पष्ट जानकारी अचलपुर बाजार समिति व्दारा नहीं दिये जाने की खबर अखबारों में प्रकाशित हुई थी. इसे जिला उपनिबंधक ने गंभीरता से लिया. इसके साथ ही जिलेभर के बाजार समिति कार्यक्षेत्र में कितनी जिनिंग, रेचे व सीधे लाइसेंसधारक है. इनमें से कहा कपास शुरु है. उन्होंने कितना कपास खरीदा, उसके अनुसार उन्होंने कितनी खरीदी के बारे में बाजार शेष व देखरेख फीस भरी है, इसकी जानकारी बाजार समिति के कर्मचारियों को जिनिंग में भेजकर रिकॉर्ड के अनुसार दर्ज किये जाए, ऐसी रिपोर्ट जिनिंग, रेचा, लाइसेंस धारक निहाय प्रस्तुत करने के आदेश डीडीआर राजेश लव्हेकर ने जारी पत्र के माध्यम से जिलेभर के बाजार समिति को दिये है.
बगैर लाइसेंस धारकों पर कार्रवाई के आदेश
सीधे लाइसेंस धारक, रेचे से कपास खरीदी कितनी की. पणन के वेबसाइड पर जानकारी अपलोड की है या नहीं, कितना सेस भरा आदि बातों की जांच में जिस जिनिंग संचालक के पास लाइसेंस नहीं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, लाइसेंसधारक, जिनिंगधारक खरीदी की जानकारी नहीं दे रहे हो तो, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिये है.
अचलपुर में भारी गडबडी?
अचलपुर कृषि उपज बाजार समिति ने चार वर्ष में शासकीय खरीदी छोडकर निजी व्यापारियों ने की खरीदी को दर्ज, उसपर बाजार समिति के अधिकार से मिलने वाला सेस कितना, बाजार समिति को कितना प्राप्त हुआ, इस बारे की जानकारी खुद संचालक अनजान है, इस वजह से करोडों रुपये की हेराफेरी इस चोरी से हुए जाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है.