विदर्भ

देवगांव में किसानों का चक्काजाम आंदोलन

महाराष्ट्र की बैल शरियत को अनुमति देेने की मांग को लेकर

धामणगांव/दि.13 – देश के अनेक राज्यों में बैलों की विविध स्पर्धा को उस उस राज्य शासन व्दारा संरक्षण दिया गया है. तब महाराष्ट्र के बैल शरियत को अनुमति मिलने के लिए सरकार व्दारा अनुमति दी जाये, ऐसा न होने पर बैलों को बैलगाड़ी में बांधना किसानों व्दारा बंद किया जाना चाहिए क्या? ऐसा संतप्त सवाल प्रा. विरेन्द्र जगताप ने शासन से किया है.
तहसील के तलेगांव दशासर के सुप्रसिध्द शंकर पट को अनुमति मिले, इसके लिये जिलेभर के किसानों व्दारा देवगांव चौराहे पर 12 अगस्त को चक्काजाम कर आंदोलन किया. इस आंदोलन में पूर्व विधायक वीेरेन्द्र जगताप ने समर्थन दर्शाते हुए आंदोलन स्थल को भेंट दी. इस समय बोलते हुए प्रा. जगताप ने कहा कि जनहित के विरोध का कानून नागरिकों व्दारा पाला नहीं जाता. बैलों को शरियत में तकलीफ होती हो तो फिर खेत में काम करते समय तकलीफ नहीं होती क्या? बैलों पर सामाजिक संस्थाओं की अपेक्षा किसानों का प्रेम अधिक है. शरियत में उतारते समय बैलों की ओर विशेष रुप से ध्यान दिया जाता है. यदि बैलों को शरियत में उतारने में तकलीफ होती हो तो फिर किसानों को बैलों को गाड़ी में जोतना भी बंद करना चाहिए? ऐसा सवाल पूछते हुए किसानों की इस मांग पर राज्य शासन व्दरा विचार कर किसानों की बात कोर्ट में प्रस्तुत करने के विचार व्यक्त किये.
अनेक राज्यो के बैल शरियत को व विविध खेलों को अनुमति मिली है. इसी तर्ज पर महाराष्ट्र के बैल शरियत को अनुमति मिले, बैलों को जंगली प्राणियों से अलग समझा जाये व इसके लिए सैकड़ों किसानों ने करीबन 3 से 4 घंटे रास्ता रोक रखा था. इस समय तलेगांव की पट समिति के अध्यक्ष शिवाजी देशमुख, पंचायत समिति सदस्य नरेंद्र रामावत, पंचायत समिति के पूर्व सभापति डॉ.विनोद देशमुख, समीर घारफलकर, इंद्रजीत ढोबले, राजू नागरीकर, रवींद्र वाघे, सुरेंद्र देशमुख, शेख हारुण, योगेश थोरात, तलेगांव की सरपंच मीनाक्षी ठाकरे, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के चेतन परडके, श्रीमती गवली, आशा ठाकरे, सचिन रामगावकर, मो.निसार, मो.फारुक, चरण खरासे, अमोल भैसे, रामदास पाटील, प्रकाश ठाकूर, तेजस गावंडे, नियाज पटेल,रियाज खान, अक्षय मेश्राम समेत सैकडों पटप्रेमी नागरिक, किसानों ने आंदोलन में सहभाग लिया था.

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