विदर्भ

हज यात्रा के लिए लागू शुल्क को हाईकोर्ट में चुनौती

हज कमेटी ऑफ इंडिया से मांगा जवाब

नागपुर/दि.22- हज जाने के लिए नागपुर प्रस्थान केंद्र वितरित हुए यात्रियों से मांगे गए शेष शुल्क के विरोध में अकोला जिले के मुख्तार खान अक्रम खान व अन्य 23 लोगों ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है. न्यायालय ने हज कमेटी ऑफ इंडिया, केंद्रीय अल्पसंख्याक कल्याण मंत्रालय, नागरी उड्यन मंत्रालय व राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस देकर 15 जून तक जवाब मांगा है.
प्रकरण पर अवकाशकालीन न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी के समक्ष सुनवाई हुई. हज जाने के लिए राज्य में मुंबई, नागपुर व औरंगाबाद यह तीन प्रस्थान केंद्र है. हज कमेटी ने पहले चरण में देशभर के यात्रियों से 2 लाख 51 हजार 800 रुपए अग्रीम शुल्क स्वीकारा है. अब प्रत्येक प्रस्थान केंद्र की विमानसेवा को विचार में लेते हुए अलग-अलग शेष रकम मांगी जा रही है. 53 हजार 43 रुपए मुंबई, 1 लाख 15 हजार 244 रुपए नागपुर, 1 लाख 40 हजार 938 रुपए औरंगाबाद से जानेवाले यात्रियों से मांगे गए है. इस संदर्भ में 6 मई को अध्यादेश जारी हुआ है. यह अध्यादेश अवैध ठहराकर उसे रद्द करने की मांग याचिकाकर्ता ने न्यायालय से की है. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. राम कारोडे ने कामकाज संभाला.

* अंतरिम राहत मिली
याचिकाकर्ता व्दारा मुंबई से हज जाने के लिए हज समिति को ज्ञापन दिया जाए और समिति व्दारा उस पद 10 दिनों में कानून के मुताबिक निर्णय देने का अंतरिम आदेश अदालत ने दिया है. इसके अलावा यात्रियों व्दारा जमा की गई अतिरिक्त रकम याचिका पर निर्णयाधीन रहेगी. साथ ही समिति व्दारा यात्री की मांग मंजूर की गई तो अतिरिक्त रकम लौटानी पडेगी ऐसा भी आदेश में दर्ज किया गया है. इस कारण यात्रियों को राहत मिली है.

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