* शहरवासियों पर अन्याय की परंपरा कायम
चांदूर रेल्वे/दि.22]– गत अनेक वर्षों से चांदूररेल्वे शहर की जलापूर्ति बढ़ाने की मांग प्रलंबित है. ऐसे में कुछ वर्षों पहले पानी की भारी किल्लत रहते अतिरिक्त जलापूर्ति योजना अंतर्गत तहसील के अन्य पांच गांवों को मालखेड़ तालाब से जलापूर्ति योजना मंजूर की गई है. जिस पर से चांदूर रेल्वे शहर पर अन्याय की परंपरा कायम रखते हुए शहर के हक का पानी गायब किए जाने का आरोप शहर कांग्रेस की ओर से पत्रकार परिषद में किया गया.
चांदूर रेल्वे शहर को 1974 से मालखेड तालाब से गुरुत्वाकर्षण से जलापूर्ति हो रही है. 2020 में शहर की क्षेत्र वृद्धि होकर इसके लिए अतिरिक्त पानी की मांग नगरपरिषद ने की थी. लेकिन उस मांग को शासन ने अमान्य किया. मात्र दूसरी ओर उसी समय जलजीवन मिशन अंतर्गत मालखेड़ बांध से चिरोडी, सावंगी मग्रापुर, कारला, थुगांव, पाथरगांव इन पांच गांवों के लिए प्रादेशिक जलापूर्ति योजना को तकनीकी मंजूरी सहित प्रशासकीय मंजूरी दी गई. इन पांच गांवों की जलापूर्ति के लिए 30 वर्ष के लिए यानि सन 2054 की जनसंख्या के लिए 1.417 दलघमी पानी के आरक्षण की मांग की गई है. चांदूर रेल्वे शहरवासियों के लिए बढ़ाई गई जलापूर्ति की मांग नकारे जाने व उसी समय इन गांवों के लिए अतिरिक्त पानी की मांग पूर्ण की जाने, यह चांदूरवासियों पर अत्यंत अन्याय करने वाली बात होने की जानकारी पत्रकार परिषद में दी गई.
सद्यस्थिति में चार महीने चांदूर रेल्वे वासियों को चार दिनों आड़ जलापूर्ति कर अत्यंत असुविधा हो रही है. चांदूर शहर का आरक्षण नकार कर पांचों गांवों के लिए पानी आरक्षण का घाट प्रसासन व शासन ने डाला है, ऐसा आरोप इस समय पूर्व नगराध्यक्ष शिट्टू सूर्यवंशी व अन्य शहर कांग्रेस कमिटी सदस्यों ने किया. जिसके चलते मालखेड बांध से चांदूर रेल्वे की मांगनुसार पानी आरक्षण मंजूर किया जाए अन्यथा तीव्र आंदोलन किया जाएगा. ऐसी चेतावनी पत्रकार परिषद में दी गई. इस समय निवास सूर्यवंशी, हर्षल वाघ, देवानंद खुणे, गोटू गायकवाड़, सुमेध सुर्यवंशी, रुपेश पुडके, अनिल सौदागर, प्रफुल्ल कोकाटे, राजू लांजेवार, अवी वानरे, सेंकेत जगताप, बंटी माकोडे, कैलास दांडेकर, रमेश गिरुलकर, भीमा पवार, विलास मोटघरे आदि उपस्थित थे.
उन गांवों के लिए अन्य स्त्रोतों से जलापूर्ति योजना कार्यान्वित करें
उन पांच गांवों के लिए बगाजी सागर, सोनगांव शिवणी, सरस्वती तालाब बांध से कायमस्वरुपी जलापूर्ति हो सकने के कारण इन पांच गांवों के लिए अन्य स्त्रोतों से जलापूर्ति योजना कार्यान्वित की जाए, ऐसे विचार इस समय उपस्थितों ने प्रस्तुत किए.