विदर्भ

प्रेमिका व्दारा धोखा देना, प्रेमी को आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करना नहीं

उच्च न्यायालय का निर्णय - वादग्रस्त एफआयआर किया रद्द

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१८– प्रेमिका व्दारा धोखा देना, प्रेमी को आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करना नहीं है, ऐसा महत्वपूर्ण निरीक्षण मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने एक मामले के निर्णय में पंजीकृत कर प्रेमिका के खिलाफ का विवादग्रस्त एफआयआर रद्द किया. न्यायमूर्तिद्वय विनय देशपांडे व पुष्पा गणेडीवाला ने यह निर्णय दिया.
इस मामले के युवक प्रणय मोरे व करीना (काल्पनिक नाम) का 2018 से एक-दूसरे पर प्रेम था. दरमियान करीना 2019 में एअर होस्टेस ट्रेनिंग के लिए लखनऊ चली गई थी. उस समय वह दूसरे युवक से प्रेम करने लगी है, ऐसा शक प्रणय को हुआ. जिस पर से उसने करीना को टोका था. तब करीना ने उसका दूसरे युवक पर प्रेम न होने की बात स्पष्ट कर प्रणय को समझाने का प्रयास किया था. लेकिन प्रणय का समाधान नहीं हुआ. 12 फरवरी 2020 को करीना लखनऊ में एअर होस्टेस की मुलाकात देकर नागपुर आयी थी. वहां से प्रणय उसे कलमेश्वर में स्वयं के रुम पर ले गया. यात्रा के कारण थकी हुई करीना गहरी नींद में सोने के बाद प्रणय ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जिसके चलते कलमेश्वर पुलिस ने 23 जनवरी 2021 को करीना के खिलाफ प्रणय को आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने का एफआयआर दर्ज कियाथा. करीना ने उस एफआयआर की वैधता को उच्च न्यायालय ने आव्हान दिया था. उच्च न्यायालय ने इस निर्णय व्दारा उसे दिलासा दिया. करीना की तरफ से एड. अमृता गुप्ता ने कामकाज देखा.

Related Articles

Back to top button