छत्रपति संभाजीनगर बोर्ड की सचिव जामदार गिरफ्तार

शालार्थ आईडी घोटाले में आरोपी

* कार्यकाल में बनाए 211 बोगस आईडी
* आईडीएसआईटी की टीम ने की कार्रवाई
नागपुर/दि.24-शहर पुलिस की एसआईटी टीम ने शालार्थ आईडी घोटाले की जांच के दरमियान एक बड़ी महिला अधिकारी को गिरफ्तार किया है. आरोपी महिला अधिकारी नागपुर शिक्षा विभाग की पूर्व उपसंचालक व छत्रपति संभाजीनगर विभागीय मंडल की सचिव वैशाली जामदार है. यह कार्रवाई शुक्रवार को की गई. इसके पहले गुरुवार को पुलिस ने नागपुर विभागीय मंडल के अध्यक्ष चिंतामण वंजारी को गिरफ्तार किया था.
राज्य भर में शिक्षक भर्ती और शालार्थ आईडी घोटाला गूंज रहा है. अब तक शिक्षा विभाग के आठ से अधिक अधिकारी-कर्मचारी और एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है. सदर पुलिस स्टेशन की टीम ने तीन दिन पहले लक्ष्मण उपासराव मंघाम (47 वर्ष, वासंती अपार्टमेंट, आकांशी ले-आउट, दाभा) को गिरफ्तार किया था. वह पहले शिक्षा उपसंचालक कार्यालय में लिपिक था. वह साल 2019 से बोगस शालार्थ आईडी तैयार कर रहा था. इसके लिए कार्यालय के बाहर के कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर रहा था. उसने पूछताछ में अनेक बड़े अधिकारियों के नाम लिए हैं. इसके बाद चिंतामण वंजारी को गिरफ्तार किया गया. जबकि शुक्रवार को छत्रपति संभाजीनगर से वैशाली जामदार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जामदार को जांच के लिए नागपुर लाया गया है. इस कारवाई के चलते अब राज्यभर के अधिकारी घबरा गए हैं. इस बीच चिंतामण वंजारी को 27 मई तक पुलिस कस्टडी रिमांड मिला है.
* कौन है वैशाली?
वैशाली जामदार नागपुर में वर्ष 2021 से 2023 के दरमियान शिक्षा उपसंचालक रही है. वर्ष 2019 से शालेय शिक्षा विभाग में बोगस शालार्थ आईडी जारी किए जाने का पता चला है. यह घोटाला जामदार के कार्यकाल के दरमियान भी होने का पता जांच में चला है. उनके कार्यकाल में 211 बोगस शालार्थ आईडी तैयार किए गए थे. इन दिनों जामदार छत्रपति संभाजीनगर में कार्यरत है. उन्हें पुलिस ने जांच के लिए पहले बुलाया था. लेकिन जामदार ने दसवीं-बारहवीं के रिजल्ट होने का कारण बताते हुए नागपुर आने में असमर्थता दिखाई थी.
* जांच में तेजी
इस मामले में ‘एसआईटी’ गठित करने के बाद से जांच ने गति पकड़ी है. सहायक पुलिस आयुक्त सुनीता मेश्राम के नेतृत्व में एसआईटी रोजाना रैकेट से संबंधित जानकारी पता कर रही है. मंघाम से पूछताछ में अनेक लोगों के नाम सामने आए हैं. आगे की जांच में अनेक अधिकारियों की मुसीबत बढ़ सकती है.

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