‘एंटी लैंड ग्रैबिंग एक्ट’ पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सकारात्मक!
मंदिरों भूमि के अवैध हस्तांतरण को रोकने आदेश का सख्ती से करें पालन
* महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की मांग
नागपुर/दि.23-मंदिर के आर्थिक प्रबंधन और दीप-पूजा के लिए राजे-महाराजों और दानवीरों द्वारा दी गई जमीनें या मंदिर प्रबंधन द्वारा खरीदी गई जमीनें किसी भी स्थिति में अन्य लोगों को हस्तांतरित नहीं की जा सकतीं. इस संबंध में सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के कई महत्वपूर्ण निर्णय उपलब्ध हैं. इसके साथ ही, शासन ने 6 नवंबर 2018 को एक महत्वपूर्ण शासन निर्णय जारी कर मंदिर की अवैध रूप से हस्तांतरित भूमि को रद्द करके देवस्थान के नाम पर पुनः पंजीकृत करने और मंदिरों को उनके अधिकार में लेने का निर्देश दिया था. लेकिन, इस निर्णय का क्रियान्वयन नहीं होने के कारण कई स्थानों पर मंदिरों की बहुमूल्य भूमि औने-पौने दामों में बेची जा रही है, अन्य लोगों के नाम चढाई जा रही है या अवैध तरीके से कब्जाई जा रही है. यह घटनाएं गंभीर हैं और हिंदू मंदिरों पर बड़ा आघात हैं. ऐसी हिंदू धर्मविरोधी गतिविधियां तुरंत रोकी जाएं और सभी मंदिरों की भूमि को संरक्षित करने के लिए शासन निर्णायक और कठोर कदम उठाए, ऐसी मांग महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, और अन्य मंत्रियों को नागपुर विधान भवन में प्रत्यक्ष भेंट के दौरान की.
सरकार ने इसे महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए कार्रवाई करने और मंदिरों की भूमि को किसी भी हालत में कब्जा होने से रोकने का आश्वासन दिया यह जानकारी महासंघ के राष्ट्रीय संगठक सुनील घनवट ने एक पत्रकार सम्मेलन में दी वे नागपुर के ‘टिळक पत्रकार भवन’ में आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे. इस अवसर पर महासंघ के राज्य कोर टीम के सदस्य अनूप अनुप जयस्वाल, ‘श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर’ के ट्रस्टी और नागपुर जिला संयोजक दिलीप कुकडे, अधिवक्ता ललित सगदेव, और हिंदू जनजागृति समिति के नागपुर जिला समन्वयक अतुल अर्वेनला उपस्थित थे.
* 14 साल की सजा का कानून बनाएं
महाराष्ट्र में मंदिरों की भूमि के अवैध हस्तांतरण के मामले में अपराधियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है.लेकिन गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक और असम जैसे राज्यों ने मंदिरों की भूमि कब्जाने के खिलाफ सख्त ‘एंटी लैंड ग्रैबिंग एक्ट’ लागू किया है. गुजरात के कानून में 14 वर्ष की सजा और सरकारी बाजार मूल्य के बराबर जुर्माने का प्रावधान है. ऐसा कानून महाराष्ट्र में भी तुरंत लागू होना चाहिए, ऐसी मांग महासंघ ने सरकार से की है.
* विधानसभा में महत्वपूर्ण बैठक
मंत्री भरतशेठ गोगावले के साथ महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की नागपुर विधानभवन में बैठक हुई. इस दौरान मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण, वक्फ बोर्ड द्वारा की जा रही भूमि कब्जाने की घटनाएं, और अन्य मंदिरों से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. मंदिरों की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार ईमानदारी से प्रयास करेगी. मंदिरों पर कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.