विदर्भ

भूगांव में ऑक्सिजन निर्मिति के लिए लगेगी ‘चायना मेड’ यंत्र सामग्री

युनिट खडा करने लगेगा 7 महिने का समय

वर्धा/प्रतिनिध दि.20 – जिले समेत राज्य पर निर्माण लिक्विड ऑक्सिजन की कमी पर मात करने के लिए भूगांव स्थित उत्तम गलवा कंपनी के पास रहने वाले आयनॉक्स के ऑक्सिजन प्रकल्प को राज्य सरकार के बडे अधिकारियों समेत जिलाधिकारी ने भी भेंट दी, लेकिन यहां लिक्विड ऑक्सिजन निर्मिति के लिए लगने वाली यंत्र सामग्री चायना से लानी पडेगी. साथ ही लिक्विड ऑक्सिजन निर्मिति का समूचा युनिट तैयार करने के लिए कम से कम 7 महिने का समयावधि लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है. तेजी से बढ रही कोरोना बाधितों की संख्या तथा उन्हें लगने वाले प्राणवायु की जरुरत को ध्यान में रखकर उत्तम गलवा स्थित आयनॉक्स इस ऑक्सिजन निर्मिति प्रकल्प से जिले के लिए कितना ऑक्सिजन मिल सकता है, साथ ही यहां उत्पादित होने वाले लिक्विड ऑक्सिजन की आपूर्ति वर्तमान आपातकालीन स्थिति में वर्धा के पास कुछ जिलों को आपूर्ति करने के उद्देश्य को केंद्र स्थल पर रखकर जांच के लिए जिला प्रशासन व राज्य सरकार की टीम ने उत्तम गलवा स्थित ऑक्सिजन प्रकल्प में जाकर प्रत्यक्ष मुआयना किया.
इस समय जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार, आयुष्यमान भारत योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.सुधाकर शिंदे, स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक डॉ.संजय जयस्वाल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अजय डवले, उत्तम गलवा के बिरेंद्र, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजॉय कुमार आदि की उपस्थिति थी. फिलहाल जिले में तकरीबन 15 हजार क्युबिक मीटर ऑक्सिजन की जरुरत है. भविष्य में 5 मेट्रीक टन अथवा उससे ज्यादा ऑक्सिजन लगा तो इतनी बडी जरुरत निभाने के लिए पूर्व तैयारी के तौर पर वर्तमान स्थिति में रहने वाले औद्योगिक प्रकल्प को लगने वाले ऑक्सिजन प्रकल्प से वैद्यकीय ऑक्सिजन की जरुरत क्या पूर्ण की जा सकती है? इसकी तैयारी राज्य सरकार कर रही है. किंतु लिक्विड ऑक्सिजन के लिए लगने वाली यंत्र सामग्री यह चायना में मिलती है और वह आयात करने के बाद ही समूचा युनिट खडा करने कम से कम 7 महिने का समयावधि लगेगा, ऐसा नाम न छापने की शर्त पर उत्तम गलवा कंपनी के एक बडे अधिकारी ने बताया. इस बाधा पर जिला प्रशासन राज्य सरकार की मदत से समय पर किस तरह मात करेगा, इस ओर सभी की नजरे लगी है.

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