विदर्भ

सिटीस्कैन शुल्क निर्धारित किया जाए

हाईकोर्ट ने जारी किया राज्य सरकार को नोटिस

नागपुर/दि.२ – राज्य सरकार द्वारा सिटी स्कैन शुल्क निर्धारित करने का निर्णय लिया गया था. जिसे सदन में पारित भी किया गया था. द इंडियन रेडियोलॉजिस्ट एंड इमेजिंग एसोसिएशन के डॉक्टरों ने इस निर्णय को आहवान देने वाली याचिका नागपुर हाईकोर्ट में दाखिल की थी. जिसमें न्यायधीश रवि देशपांडे, न्यायधीश पुष्पा गनेडिवाल की खंडपीठ ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग सचिव, जिलाधिकारी, महापालिका आयुक्त को नोटिस जारी कर ७ अक्तूबर तक जवाब देने के आदेश दिए गए.
राज्य में प्रमुख रुप से १६ से ६४ स्लाइस क्षमता की सिटी स्कैन मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. क्षमतानुसार सिटी स्कैन की दर निश्चित की जाती है. १६ स्लाइस से कम क्षमता की मशीन द्वारा स्कैन किए जाने पर २ हजार रुपए तथा १६ से ६४ स्लाइस की मशीन द्वारा स्कैन करने पर २ से ५ हजार रुपए और ६४ स्लाइस से अधिक क्षमता वाली मशीन से स्कैन किए जाने पर ३ हजार रुपए शुल्क लिया जाता है. इसमें सिटी स्कैन की जांच की रिपोर्ट व्यक्तिगत सुरक्षा संच, निर्जुंतुकीकरण और जीएसटी शुल्क का समावेश है.
ऐसे समय में सिटी स्कैन दर निश्चित करने के पूर्व राज्य सरकार ने संगठनाआेंं के प्रतिनिधियों से उनकी राय लेना आवश्यक था. किंतु राज्य सरकार ने १५ सितंबर को एक समिति का गठन किया. जिसमें संगठनाओं का एक भी प्रतिनिधि नहीं लिया गया. इस समिति की रिपोर्ट के अनुसार २४ सितंबर को राज्य सरकार ने एक शासन निर्णय द्वारा सिटीस्कैन के शुल्क निर्धारित कर दिए. जिसमें राज्य सरकार को उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से एड. कार्तिक शुकुल तथा राज्य सरकार की ओर से एड. सुमंत देवपुजारी तथा मनपा की ओर से एड. जेमनी कासट ने पैरवी की.

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