विदर्भ

12 वीं कक्षा में नकल करने वाली छात्रा को नहीं मिली राहत

हाईकोर्ट ने सही माना बोर्ड का फैसला

नागपुर प्रतिनिधि/दि.3 – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में नकल करने वाली एक छात्रा को कोई राहत देने से इनकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी. बोर्ड परीक्षा में नकल करते पकडे जाने पर राज्य शिक्षा मंडल ने उसकी अंकसूची पर कॉपी केस लिखा था. उसे दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया गया था. जिसके कारण छात्रा ने हाईकोर्ट की शरण ली थी.
याचिकाकर्ता के अनुसार उसने फरवरी 2020 में 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दी थी. 26 जनवरी को केमेस्ट्री के पेपर में उसके परीक्षा केंद्र में उडनदस्ता आ पहुंचा. जिससे विद्यार्थियों में दहशत फैल गई. उस वक्त जिन-जिन विद्यार्थियों ने चिट या अन्य प्रकार की नकल लाई थी, सब इधर उधर फेंकने लगे. तब ही एक चिट उनके पैर के पास आ गिरी. डर के मारे छात्रा ने वह चिट उठाकर खिडकी के बार फेंक दी. उडनदस्ते ने उसे ऐसा करते पकड लिया. उसकी उत्तर पुस्तिका जब्त कर ली गई. उसे कारण बताओ नोटिस जारी करके 28 मार्च को होने वाली सुनवाई में हाजिर रहने के अदेश दिए गए. इसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लागू हुआ. बोर्ड ने सुनवाई की तारीख बढाकर 12 जून 2020 कर दी. तय वक्त पर छात्रा समिति के सामने हाजिर हुई. सुनवाई पूरी हुई और जुलाई में बोर्ड के नतीजे जारी हुए.
छात्रा ने अपनी अंकसूची देखी तो उस पर कॉपी केस लिखा मिला. उसे पुनर्परीक्षा का विकल्प दिया गया था. बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ छात्रा ने हाईकोर्ट की शरण ली. छात्रा के अनुसार बोर्ड ने सुनवाई में उसके पक्ष को ठीक से न समझ कर एक गलत और एकतरफा फैसला दिया था. याचिकाकर्ता की ओर से एड. आनंद परचुरे ने पक्ष रखा. एड. ओमकर देशपांडे व एड. देवदत्त देशपांडे ने उन्हें सहकार्य किया.

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