विदर्भ

महाविकास आघाडी में अस्थिरता की परिस्थिति

राकांपा जब तक सेटल नहीं होती तब तक सीटें वितरण की संभावना नहीं

* वंचित बहुजन आघाडी के नेता एड. प्रकाश आंबेडकर का कथन
नागपुर/दि.20- ईडी और नाबार्ड के जांच के घेरे में रहे राकांपा के नेताओं से भाजपा राजनीति करेगी. वहां किस तरह का खेल होता है यह काफी महत्वपूर्ण है. राकांपा के कुछ नेताओं की स्वेच्छा निवृत्ति की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जब तक राष्ट्रवादी कांग्रेस सेटल नहीं होती तब तक महाविकास आघाडी की सीटों का वितरण संभव नहीं है. दूसरी तरफ कर्नाटक के नतीजों के बाद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने अपने दम पर चुनाव लडने की भाषा शुरुु की है, इस कारण वर्तमान परिस्थिति में महाविकास आघाडी में अस्थिरता दिखाई देती है, ऐसा वंचित बहुजन आघाडी के नेता एड. प्रकाश आंबेडकर का कहना है.
एड. प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि, शालिनीताई पाटिल ने वक्तव्य किया है कि, राकांपा के अनेक नेताओं पर ईडी की जांच शुरु है. वह जेल में अथवा आजादी नियुक्त करते है, इस पर सबकुछ अवलंबित है. आजाद रहेंगे तो राकांपा कमजोर होगी. दूसरी तरफ शिवसेना पार्टी अब उद्धव ठाकरे के पास नहीं है. वह गुट के रुप में लड सकेंगे. लेकिन व पार्टी पंजीयन करने गए तो सर्वोच्च न्यायालय व्दारा उनकी पार्टी का व्हीप चलेगा, ऐसा जो मान्य किया है उसमें नुकसान होगा. अंत में शिवसेना को नया चुनावचिन्ह लेकर लडना पडेगा. ऐसी परिस्थिति में राकांपा के कारण शिवसेना को लाभ होता दिखाई नहीं देता. कुल मिलाकर इसमें पेचिदगी निर्माण करने की राजनीति भाजपा कर रही है, ऐसा आरोप भी एड. प्रकाश आंबेडकर ने किया.

* सीमावर्ती इलाकों में बीआरएस को प्रतिसाद
तेलंगना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने महाराष्ट्र में कदम रखा है. सीमावर्ती इलाकों में उन्हें अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. आगे अन्य इलाकों में कैसा प्रतिसाद मिलता है यह देखना पडेगा. लेकिन कांग्रेेस व भाजपा पार्टी को बीआरएस के कारण नुकसान होगा, ऐसा दांवा एड. आंबेडकर ने किया. छत्रपति संभाजी महाराज की स्वराज्य पार्टी ने भी राजनीतिक प्रक्रिया शुरु की है. उनका भी प्रभाव बढ रहा है. कुल मिलाकर नए राजनीतिक पर्याय सामने आने की बात भी उन्होंने कही.

* पीएम अमेरिका दौरे पर रहने का खुलासा करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई माह में अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं. यूनो में कोई बैठक होगी तो अमेरिका अनुमति मांगने की आवश्यकता नहीं पडती. यूनो में जुलाई माह में कोई भी बैठक नहीं है फिर अमेरिका से कोई आमंत्रन है क्या? भारत के पास रहे ‘कॉल मनी’ में बडा हिस्सा अमेरिका का है. वह अमेरिका निकाल रहा है क्या और इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा है क्या इसका खुलासा केंद्र सरकार व्दारा करने की मांग एड. प्रकाश आंबेडकर ने की. जुलाई के बाद ‘कॉल मनी’ विड्रॉल होने की शुरुआत हुई, तो देश में महंगाई बढेगी. इस कारण सभी राजनीतिक दलों को यह मुद्दा उठाने का आह्वान एड. प्रकाश आंबेडकर ने किया.

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