विदर्भ

केवल 15 दिनों का कोयला स्टॉक

बिजली उत्पादन पर हो सकता है असर

* महानिर्मिती के सामने चुनौती
नागपुर/दि.07– बढते तापमान के कारण मुंबई से लेकर अमरावती तक बिजली की मांग बढी है. गत दिनों यह 28,797 मेगावैट तक पहुंच गई थी. अगले कुछ दिनों में डीमांड बढेगी. जबकि उधर महानिर्मिती के 7 ताप बिजली घरों में भुसावल छोडकर 15 दिन का ही कोयला बचा है. जिससे महानिर्मिती को कोयले का प्रबंधन करने तार पर कसरत करने समान सावधानी बरतनी पड रही. इस बीच बताया गया कि, कोयले का स्टॉक भरपूर नहीं है फिर भी रोज 1 लाख 10 हजार मेट्रीक टन कोयला बिजली उत्पादन केंद्रो में पहुंच रहा है. इसलिए चिंता की कोई बात नहीं.

* रोज 1.25 लाख टन खपत
बिजली केंद्रो में रोज 1.25 लाख मेट्रीक टन कोयले की खपत होती है. उस हिसाब से चंद्रपुर, कोराडी, खापरखेडा, परली, नाशिक में 15 दिन का स्टॉक बचा है. भुसावल के केंद्र महीने भर का और अकोला के पारस में 20 दिनों का स्टॉक बचा है. महावितरण के ही सूत्र दोनों बातें कर रहे हैं. एक सूत्र कहता है कि, भरपूर कोयला आ रहा है. दूसरा सूत्र महानिर्मिती के सामने चुनौती होने का दावा कर रहा है.

* बिजली की डीमांड बढी
महावितरण की बिजली की डीमांड पिछले वर्ष 20 हजार मेगावैट थी. इस बार 28 हजार मेगावैट तक जा पहुंची है. मई माह में डीमांड निश्चित ही बढेगी. इसलिए कोयले के स्टॉक पर जोर दिया जा रहा है.

* ताप बिजली घरों की क्षमता
महानिर्मिती के ताप बिजली घरों की स्थापित क्षमता 13,152 मेगावैट है. सोमवार को 8063 मेगावैट बिजली का उत्पादन हो रहा था. इसका अवसर 79 प्रतिशत है. चंद्रपुर केंद्र से सोमवार शाम 2347 मेगावैट बिजली का उत्पादन जारी है. यहां की क्षमता 2920 मेगावैट है.

* बिजली घरों का कोयला स्टॉक
नाशिक – 13 दिन
भुसावल – 30 दिन
परली – 15 दिन
पारस – 20 दिन
खापरखेडा – 12 दिन
कोराडी – 15 दिन
चंद्रपुर – 14 दिन

* दिनोंदिन बढती मांग (मेगावैट)
1 मई – 20,200
2 मई – 22,858
3 मई – 22,874
4 मई – 23,091
5 मई – 23,479
6 मई – 23,486

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