नागपुर/प्रतिनिधि दि.१९ – करीब दो वर्ष के अंतराल पश्चात विधान मंडल का शीत सत्र आगामी 7 दिसंबर से एक बार फिर नागपुर में ही आयोजीत हो सकता है. विधान भवन में सोमवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में अधिवेशन की तैयारी को लेकर विधान मंडल के अधिकारियों ने समाधान जताया. जिसके चलते नागपुर में अधिवेशन लेने को लेकर इन अधिकारियों द्वारा सकारात्मक रिपोर्ट पेश किये जाने के संकेत दिखाई दे रहे है. हालांकि इसे लेकर संसदीय कामकाज समिती द्वारा अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
बता दें कि, नागपुर करार अंतर्गत पूरे सालभर के दौरान विधान मंडल का कम से कम एक अधिवेशन नागपुर में लिया जाना अनिवार्य व बंधनकारक है. नागपुर में इससे पहले दिसंबर 2019 में विधान मंडल का शीत सत्र हुआ था. वहीं इसके बाद कोविड संक्रमण का कहर जारी रहने के चलते नागपुर में कोई अधिवेशन नहीं हो पाया. बल्कि इस दौरान सभी अधिवेशन मुंबई में ही कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए बेहद सीमित स्वरूप में हुए. इस समय कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आने की संभावना बेहद कम है. वहीं ब्रेक द चेन अभियान अंतर्गत राज्य में धीरे-धीरे सारे प्रतिबंध शिथिल किये जा रहे है और आगामी 22 अक्तूबर से टॉकीज, नाट्यगृह व स्वीमिंग पूल भी शुरू होने जा रहे है. इसके अलावा दीपावली तक प्रतिबंधों के और अधिक शिथिल होने के भी संकेत है. ऐसी स्थिति में इस वर्ष नागपुर में विधान मंडल का शीत सत्र आयोजीत होने की संभावना काफी अधिक बढ गई है. जिसे लेकर तमाम आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई है.
नागपुर में शीत सत्र को लेकर शुरू की गई तैयारिया बेहद समाधानकारक है. कोविड संक्रमण काल के दौरान विधायक निवास को कोविड केयर सेंटर के तौर पर प्रयोग में लाया गया था. ऐसे में इस इमारत को सैनिटाईज करते हुए अधिवेशन के लिए तैयार किया जायेगा. इस बारे में अंतिम निर्णय संसदीय कामकाज समिती की बैठक में होगा.
– राजेेंद्र भागवत
प्रधान सचिव, विधान मंडल