विदर्भ

कागजों में बनाई कंपनियां 500 करोड़ का फर्जीवाड़ा

जलगांव,मुंबई,पुणे में डेढ दर्जन फर्मों के नाम पर सरकार को लगाया चूना

नागपुर/10 मार्च – डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) नागपुर जोनल यूनिट ने फर्जी इनवाइस गिरोह के खिलाफ जांच अभियान चलाकर 500 करोड़ के फर्जी इनवाइस गिरोह का पर्दाफाश किया है. जलगांव, मुंबई और पुणे के 18 ऐसी फर्मों का खुलासा हुआ है जो मौके पर मिली ही नहीं. कागजों में ये फर्में चल र ही थी. बगैर ट्रांजेक्शन के 500 करोड़ रुपए का लेन-देन दस्तावेजों पर बताया गया था.

कई ठिकानों पर छापेमारी

डीजीजीआई नागपुर जोनल यूनिट ने नाशिक रीजनल यूनिट को सात लेकर फर्जी इनवाइस मामले में राज्य के कई ठिकानों पर छापामारी हुई है. 18 गैर मौजूद फर्मों व्दारा बगैर ट्रांजेक्शन के जारी व्यवहार का पता लगाकर कई व्यवसायिक व आवासीय परिसरों में दबिश दी गई. जांच के दौरान,जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करन वाली कई संस्थाओं को गैर मौजूद पाया गया. ये फर्में फर्जी इनवाइस मामले से जुड़ी हुई है. फर्जी इनवाइस के माध्यम से सरकार को धोखा दिया जा रहा था.

मास्टरमाइंड जलगांव में

पूछताछ के लिये कुछ लोगों को हिरासत में लेने पर पता चला कि इसका मास्टरमाइंड जलगांव में रहता है जो फर्जी इनवाइस का गिरोह चलता है. गैर मौजूद (डमी) संस्थाओं को चलाने के लिये लोगों के पैन नंबर और बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किये थे. संबंधित लोगों के मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का उपयोग डमी फर्मों में किया जा रहा था. मास्टरमाइंड ने कबूल किया कि गैर मौजूद संस्थाओं से संबंधित दस्तावेजों को फिर से प्राप्त करने की कोशिश जारी है.

17 इकाइयां

कड़ाई से पूछताछ करने पर मास्टरमाइंड ने बताया कि एक फर्जी फार्म के अलावा उसके पास मुंबई, पुणे और जलगांव में जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करके अन्य 17 फर्जी इकाइयां भी थी. इन 18 फर्जी फर्मों में किसी भी सामान या सेवाओं की आपूूर्ति या प्राप्ति के बिना ही 500 करोड़ का ट्रांजेक्शन दिखाकर 46.50 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा लिया गया है.
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के उप-धारा (1) के खंड (बी) और (सी) के तहत निर्दिष्ट अपराधों से उत्पन्न होने वाले लाभों को कम करने और बनाये रखने के लिये 18 फर्जी और गैर मौजूद फर्मों की स्थापना करने के आरोप में मास्टरमाइंड को 5 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. आरोपी को न्यायिक हिरासत के तहत 19 मार्च तक जेल भेजा गया.

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