नागपुर/दि.26- अमूमन अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में दिवंगत कर्मचारी की पत्नी या नाबालिग बेटे-बेटी का विचार किया जाता है. लेकिन अगर कर्मचारी की पत्नी किसी कारणवश अनुकंपा नियुक्ति स्वीकार नहीं कर सके तो दिवंगत कर्मचारी के भाई या बहन को भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र माना जा सकता है. बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने हाल ही में यह फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने वर्धा के जिला माध्यमिक शिक्षाधिकारी को विनोद बुधबावरे के नियुक्ति प्रस्ताव पर फैसला लेने को कहा है.
यह है प्रकरण
दरअसल, याचिकाकर्ता का भाई एक शिक्षा संस्था में सहायक शिक्षक था. भाई पर उसकी पत्नी, नाबालिग बेटा और याचिकाकर्ता आश्रित थे. भाई की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी ने अनुकंपा नियुक्ति स्वीकारने में असमर्थता दर्शाते हुए याचिकाकर्ता को नौकरी देने की सिफारिश की थी. स्कूल प्रबंधन ने शिक्षाधिकारी को जब इस संबंध में प्रस्ताव भेजा, तो शिक्षाधिकारी ने उसे खारिज कर दिया. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया किक अनुकंपा नियुक्ति के पीछे उद्देश्य दिवंगत कर्मचारी के परिवार के सदस्य को नौकरी देना ही नहीं है, बल्कि उनके घर के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाने के बाद आश्रित सदस्यों के जीवन यापन की व्यवस्था करने का है. अगर किसी अविवाहित कर्मचारी के भाई या बहन को परिवार का सदस्य मान कर अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है तो विवाहित कर्मचारियों के मामले में भी ऐसा किया जा सकता है.