विदर्भ

हाईटेंशन लाइन से नुकसानग्रस्त किसानों को मुआवजा दें

समिति स्थापन करने के हाईकोर्ट ने जिलाधीश को दिये आदेश

नागपुर/दि.12 – खेत से गई हुई बिजली के हाईटेंशन लाइन से नुकसान हुए याचिकाकर्ता किसानों को कानूनी मार्ग से मुआवजा देना चाहिए, साथ ही सरकार व्दारा जारी अद्यादेश के अनुसार जिलाधिकारी ने समिति स्थापन करना चाहिए, इस तरह के आदेश हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने देते हुए याचिका का निपटारा किया है.
दिलीप रामदास कांबले व अन्य 14 किसानों की वर्धा जिले के शेलु काटे में खेत जमीन है. उनके खेत से हाईटेंशन टॉवर लाइन गई है. उस समय किसानों को फसल नुकसान के लिए काफी कम मुआवजा दिया गया था. अब यह मुआवजा केवल खेत की फसलों का नुकसान हुआ. इस कारण दिया गया था. खेत के जिस हिस्से से टावर लाइन गई है, वह हिस्सा खेती के लिए इस्तेमाल नहीं करते आता, इस नुकसान का उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया. किसानों ने वर्धा जिलाधिकारी को मुआवजे के लिए समय समय पर अपील की थी. किंतु उन्हें नये कानून के अनुसार उचित मुआवजा नहीं दिया गया. 25 अगस्त 2015 को सरकार व्दारा जारी किये गए अद्यादेश के अनुसार समिति स्थापन नहीं की गई. साथ ही याचिकाकर्ताओं को भी मुआवजा नहीं मिला. इसके खिलाफ उन्होंने याचिका दायर की. न्यायमूर्ति नितीन जामदार व न्यायमूर्ति अनिल किलोर ने अपने आदेश में कहा कि 25 अगस्त 2015 को जारी किये अद्यादेश के अनुसार जिलाधिकारी ने समिति स्थापन करना चाहिए, याचिकाकर्ताओं का कहना जिलाधिकारी ने तीन सप्ताह में सुनकर उन्हें उचित कानूनी मुआवजा देना चाहिए, ऐसा याचिकाकर्ता की ओर से एड.सुनील कुलकर्णी ने कहा.

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