मृतक के वारिसों को दिए 8 लाख रुपए
नागपुर-/दि.12 चलती हुई रेलगाडी में चढते या उतरते समय हादसा घटित होकर यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उस स्थिति में भी उसके उत्तरधिकारियों को क्षतिपूर्ति मुआवजा देना आवश्यक हैं, ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के पश्चात सुनाया. साथ ही एक मृतक की पत्नी और तीन बच्चों को 8 लाख रुपए की नुकसान भरपाई दिए जाने को मंजूरी दी. इस मामले में न्यायमूर्ति अभय आहूजा की एकलपीठ के सामने सुनवाई हुई.
मामले को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक नांदेड जिला निवासी शंकर धोत्रे 4 अप्रैल 2021 को अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मुंडखेड जाने हेतु पंढरपुर से रेलगाडी में सवार हुए थे और कुरडूवाडी में रेलगाडी रुकने पर वे अपने बच्चों के लिए पानी लेने हेतु रेल गाडी से नीचे प्लेटफार्म पर उतरे. इसी समय रेलगाडी ने चलना शुुरु कर दिया और धोत्रे ने दौडते-दौडते रेलगाडी में चढने का प्रयास किया. लेकिन उनका पांव फिसल गया और वे नीचे गिर गए. जिसकी वजह से उनके दोनो पैर रेलगाडी के पहिए मेें आकर कट गए और कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पश्चात उनकी पत्नी व बच्चों ने नुकसान भरपाई मिलने हेतु नागपुर के रेलवे दावा प्राधिकरण में आवेदन दाखिल किया. जिसे प्राधिकरण में 28 अक्तूबर 2015 को खारिज कर दिया. इसके खिलाफ धोत्रे परिवार व्दारा हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई जिसे विभिन्न कानूनी पहलूओं को देखते हुए मंजूर किया गया.
तो कोई भी व्यक्ति रेलवे मेें चढेगा ही
रेलवे दावा प्राधिकरण व्दारा कहा था कि, चलती हुई रेलगाडी में चढते या उतरते समय होने वाला हादसा किसी दुर्घटना के मानकों पर खरा नहीं उतरता, बल्कि यह आत्महत्या करने जैसी कृति हैं. ऐसे में मृतक के वारिसों को कोई भरपाई नहीं दी जा सकी परंतु हाईकोर्ट ने प्राधिकरण के इस फैसले को गलत साबित करते हुए कहा कि, अगद पूरा परिवार रेलगाडी में सवार है और बाहर गए हुए व्यक्ति के लौटने का इंतजार कर रहा हैं तो कोई भी व्यक्ति प्लेटफार्म छोड रही रेलगाडी में वापिस सवार होने का निश्चित रुप से प्रयास करेगा और रेलगाडी में चढेगा. इस मामले में कुछ ऐसा ही हुआ और हादसे का शिकार होने वाले व्यक्ति का इरादा आत्महत्या करना बिल्कुल भी नहीं था. अत: मृतक व्यक्ति का परिवार क्षतिपूर्ति मुआवजा मिलने हेतु पूरी तरह पात्र है इस फैसले के साथ ही हाईकोर्ट ने मृतक शंकर धोत्रे के परिजनों हेतु 8 लाख रुपए की मुआवजा राशि भी तय की.