विदर्भ

मेडिकल की जगह के साथ ही बढी स्पर्धा

इस बार नीट के लिए 24 लाख से अधिक विद्यार्थी, 32 सरकारी महाविद्यालय में

* सरकारी महाविद्यालय में 5125 जगह
* निजी महाविद्यालय में 3510 जगह
* डीम्ड विद्यापीठ में 2510 जगह
नागपुर/दि.13– विगत वर्ष में देशभर के वैद्यकीय महाविद्यालय में पदवी शाखा पाठयक्रम की जगह की संख्या 1.25 थी. इस जगह पर प्रवेश प्राप्त करने के लिए लगभग 21.50 लाख विद्यार्थियों ने नीट परीक्षा दी. इस समय विद्यार्थियों की संख्या 24 लाख से अधिक होगी. यानी जगह की तुलना में विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने से इस समय स्पर्धा भी इसी के मुकाबले में होगी.

वैद्यकीय पाठयक्रम में उसमें से उसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त करना यह विद्यार्थियों का तथा विद्यार्थियों के पालको का स्वप्न होता है. किंतु हर साल उम्मीदवारों की संख्या बढ जाने से स्पर्धा भी बढती है. समान अंक प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या हजारों के पार हो गई है. जिसके कारण पहले ही प्रयास में सफलता न मिलने पर दूसरे और तीसरे अवसर के लिए भी विद्यार्थी तैयार रहते है.
आवेदन करने से वंचित रहनेवाले विद्यार्थियों को नीट ने और दो दिन दिए थे. इससे पूर्व आवेदन करनेवालों की संख्या 230, 81, 933 पर पहुंची थी. इसे देखते हुए अब यह संख्या 24 लाख से अधिक तक पहुंच जायेगी.

* राज्य में 10 महाविद्यालय
बढती स्पर्धा के कारण महाराष्ट्र में एमबीबीएस की जगह बढ गई है. इस समय राज्य के 10 नये महाविद्यालय में प्रथम वर्ष का प्रवेश दिया जायेगा. राज्य के 32 शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय में 5125 जगह उपलब्ध है. इसमें नागपुर, एम्स, पुणेे एएफएमसी ओर मुंबई महापालिका के महाविद्यालयों का समावेश है. तथा निजी महाविद्यालय मेें 3510 जगह तथा डीम्ड विद्यापीठ में 2510 जगह उपलब्ध है. हाल ही में राज्य में कुल 11, 145 जगह उपलब्ध है. अधिकांश विद्यार्थी शासकीय महाविद्यालय की ओर अग्रसर होते है. परंतु इसके लिए अधिक अंकों की आवश्यकता होती है. जिसके कारण 40 से अधिक विद्यार्थी दूसरी बार प्रवेश परीक्षा लेते है.

* तीन माह का उपक्रम
राज्य में 10 नये महाविद्यालय को मान्यता मिलने पर भी प्राध्यापिकों की नियुक्ती का प्रकरण अभी तक प्रलंबित है. इस संदर्भ में बुधवार को मुंबई में वैद्यकीय सचिव की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया था. इसमें 3 माह में प्राध्यापकों की नियुक्ति करने का मान्य किया गया है. उसी प्रकार पदोन्नति पर कुछ प्राध्यापकों को नये विद्यालय में भेजा जायेगा. इससे पूर्व सरकार का राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग को गारंटी पत्र देना पडेगा. किंतु सभी महाविद्यालय की इमारत तैयार नहीं हुई है. इस स्थिति में जिला अस्पताल में कुछ जगह पर वैद्यकीय महाविद्यालय शुरू कर सकते है.

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