नागपुर/ दि.18 – विवाहिता व्दारा पति व ससुराल के सदस्यों पर दबाव डालने के लिए दहेज के लिए प्रताडना करने की शिकायत प्रकाश में आने से मुंबई उच्च न्यायलय की नागपुर खंडपीठ ने विवादास्पद एफआईआर रद्द कर दी. न्यायमूर्ति विनय जोशी व भारत देशपांडे की बेंच ने यह निर्णय सुनाया. इस कारण ससुराल के सदस्यों को राहत मिली है.
जानकारी के मुताबिक इस प्रकरण के पति और उसके आठ रिश्तेदार कर्नाटक तथा शिकायतकर्ता विवाहिता यवतमाल निवासी है. इस दम्पति का एक-दूसरे पर प्रेम था. इस कारण उन्होंने 13 फरवरी 2015 को विवाह कर लिया. लेकिन यह दम्पति अधिक समय तक साथ नहीं रह सकी. विवाद बढने के कारण विवाहित 1 मई 2016 को पति को छोडकर मायके आ गई. उसके बाद पति ने वर्ष 2017 में तलाक और बेटे की कस्टडी के लिए याचिका दायर की. उसके बाद विवाहिता वर्ष 2022 तक चुप-चाप बैठी थी. लेकिन 24 जनवरी 2022 को उसने अचानक अवधुतवाडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की. पति को शराब की लत है इस कारण वह और ससुराल के सदस्य दहेज के लिए अत्याचार करते थे, ऐसा विवाहिता का आरोप था. इस आधार पर पति और अन्यों के खिलाफ विवादास्पद एफआईआर दर्ज की गई थी.