विदर्भ

प्रादेशिक दुग्ध विकास अधिकारी हेमंत गाडवे को अवमानना नोटिस

सर्वोच्च न्यायालय व्दारा वर्ष 2019 में दिए गए आदेश के उल्लंघन का मामला

नागपुर/दि.3– सर्वोच्च न्यायालय व्दारा वर्ष 2019 में दिए गए एक आदेश का उल्लंघन करना नागपुर के प्रादेशिक दुग्ध विकास अधिकारी हेमंत गाडवे तथा गोंदिया जिला दुग्ध व्यवस्थापक देवानंद लाठे के लिए मुसिबत बन गया है. इस प्रकरण में अब दोनों अधिकारियों को अवमानना नोटिस दी गई है साथ ही आगामी 11 अप्रैल तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के नोटिस भी दिए गए है.
इस प्रकरण में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के सामने सुनवाई हुई. 25 सितंबर 2019 को सर्वोच्च न्ययालय ने सरकारी दुग्ध योजना अंतर्गत गोंदिया में कार्यरत कर्मचारी राजेश बिसेन व रमेश वंजारी को सेवा में कायम करने और तीन माह में आवश्यक आर्थिक लाभ अदा करने के आदेश दिए थे. इस आदेश का अभी तक पालन नहीं किया गया. कर्मचारी की तरफ से वरिष्ठ एड. विनय नवरे व एड. प्रशांत डहाट ने कामकाज संभाला.

* 28 साल से जारी है संघर्ष
यह कर्मचारी सेवा में कायम होने के लिए 28 साल से संघर्षरत है. उन्होंने इसके लिए शुरुआत में वर्ष 1995 में औद्योगिक न्यायालय में शिकायत दर्ज की थी. 14 जून 2002 में औद्योगिक न्यायालय ने यह शिकायत मंजूर कर कर्मचारियों को सेवा में कायम करने का आदेश दिया था. इसके विरोध में राज्य सरकार ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. 17 सितंबर 2013 को उच्च न्यायालय ने यह याचिका मंजूर कर औद्योगिक न्यायालय का निर्णय रद्द किया था. इस कारण कर्मचारियों ने सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई तब 25 सितंबर 2019 को संबंधित आदेश दिया गया था.

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