नागपुर दी १– मार्च से शुरू हुआ कोरोना मरीजों का सिलसिला अब तक जारी है. इन दिनों मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है. पिछले 6 महीने के भीतर 29555 लोगों को कोरोना वाइरस ने घायल किया. वहीं 19244 मरीज ठीक भी हुये. लेकिन मृत्यु दर अब भी कम नहीं हो रही है. सोमवार तक जिले में रिकवरी रेट 65.11 फीसदी हो गया.
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या अब प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है. मरीजों तो बढ़ रहे है, लेकिन अस्पतालों में डाक्टरों सहित स्टाफ की कमी महसूस होने लगी है. पिछले 6 महीने से सतत सेवा दे रहे डाक्टर और नर्सें भी अब परेशान हो गये हैं. यही वजह है कि अब शासकीय अस्पतालों में भी लापरवाही देखने को मिल रही है. अब भी जिले में 9266 एक्टिव केस है. जो विविध अस्पतालों सहित कोविड सेंटर में अपना इलाज करा रहे हैं.
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बढ़ रहा है रिकवरी रेट
सोमवार को कुल 1227 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई. जबकि कुल 3791 टेस्ट किये गये थे. इनमें 1930 रैपिड टेस्ट किये गये, जिसमें 645 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई. वहीं प्राइवेट लैब में 663 टेस्ट में 256 पाजिटिव पाये गये. कुल 34 मरीजों ने दम तोड़ा. इनमें 29 सिटी और 4 ग्रामीण के मृतकों का समावेश रहा. इस तरह जिले में अब तक कुल मरने वालों की संख्या 1045 हो गई है. सिटी में रिकवरी रेट धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. जो कि अच्छी बात है. माना जा रहा है कि बारिश कम होने से संक्रमण पर भी नियंत्रण हो सकेगा.
आक्सिजन की कमी, 20 प्रश महंगा भी हुआ
कोरोना मरीजों को आक्सिजन की सख्त आवश्यकता होती है. केवल अस्पतालों में भर्ती ही नहीं बल्कि होम आयसोलशेन में रहने वाले मरीजों को भी आक्सिजन लगाया जा रहा है. अचानक आक्सिजन की मांग बढ़ने से इसकी कमी भी होने लगी है. हालांकि मेडिकल और मेयो में तो मरीजों को आक्सिजन मिल रही है, लेकिन निजी अस्पतालों सहित होम आयसोलेशन वाले मरीजों की परेशानी बढ़ रही है. आक्सिजन की कमी की वजह से कुछ निजी अस्पतालों ने रेट भी बढ़ा दिये है.
वहीं दूसरी ओर आक्सिजन बनाने वाली कंपनियों ने मंगलवार से 20 फीसदी रेट बढ़ाने का निर्णय लिया है. रेट बढ़ने से निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च भी बढ़ जाएगा. सामान्यत: कोरोना के गंभीर मरीजों को हर दिन 5-8 सिलेंडर लगते हैं. बिना सिलेंडर के मरीज का इलाज ही संभव नहीं है.
बढ़ती आपूर्ति को देखते हुए कंपनियों ने भी मौके का फायदा उठाते हुए कीमत में बढौतरी का निर्णय लिया है. बताया जाता है कि नागपुर में मौजूद कंपनियों द्वारा निजी और सरकारी अस्पतालों को आक्सिजन की आपूर्ति की जाती है. अब जब आपूर्ति कम हो रही है तो अन्य शहरों या राज्यों से आक्सिजन की आपूर्ति की मंजूरी भी मिलना चाहिए. छत्तीसगड़ में अन्य राज्यों से आक्सिजन की आपूर्ति के लिए मंजूरी दी गई है. इसी तर्ज पर महाराष्ट्र में भी निर्णय लिये जाने की मांग की जा रही है.