येवदा/दि.21 – कोरोना के बढते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से ब्रेक दी चेन अंतर्गत 30 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया गया है. ग्रामीण इलाकों में बढ रहे कोरोना संक्रमण कम करने की दृष्टि से तहसीलदार डॉ. योगेश देशमुख ने ग्राम स्तरीय कोरोना नियंत्रक व प्रतिबंधात्मक टीम की स्थापना की गई.
इस टीम में पटवारी, ग्रामसेवक, कृषिसेवक व जिप शिक्षकों का समावेश किया गया है. लेकिन इनमें से एक भी कर्मचारी कार्यालय में मौजूद नहीं रहने से नागरिकों व किसानों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है. जबकि सभी शासकीय कर्मचारियों को मुख्याल में रहकर नागरिकों को सेवा देना आवश्यक है. ऐसे कामचोर कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई करने की भी मांग नागरिकों की ओर से की जा रही है.
इन कर्मचारियों को पांच दिन का सप्ताह घोषित करने के बावजूद भी व लाखों रुपए वेतन, घर का किराया आदि दिए जाने के पश्चात भी शासकीय कर्मचारी कार्यालय में समय पर उपस्थित नहीं रहते है. जिला प्रशासन द्बारा लगायी गई धारा 144 संचारबंदी के आदेश का पालन सिर्फ जनता ही करे जबकि शासन का लाखों रुपए लेने वाले शासकीय कर्मचारी किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे उन्हें जिलाधिकारी का आदेश भी बंधनकारक नहीं है ऐसे सवाल नागरिकों द्बारा उठाए जा रहे है.