विदर्भ

कोरोना का भी धंदा: मृतक के परिजनों से वसूले 1 लाख

मृत मरीज को जिंदा बताकर तीन दिन किया गया इलाज

  • नांदेड में सामने आयी अमानवीय घटना

  • न्यायालय के आदेश पर संबंधित के खिलाफ अपराध दर्ज

नांदेड/ दि.२० – नांदेड के गोदावरी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के बावजूद भी मरीज के रिश्तेदारों से पैसे निकालने के लिए तीन दिन तक जीवित बताकर इलाज किये जाने की अमानवीय घटना उजागर हुआ है. इलाज के नाम पर मृतक के परिजनों से 1 लाख 40 हजार रुपए वसूले गए. इस घटना की असलियत उजागर होने के बाद न्यायालय के आदेश पर शिवाजी नगर पुलिस ने संबंधित डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज किया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुजामपेठ धनेगांव के सातेगांव निवासी शिक्षक अंकलेश पवार कोरोना से संक्रमित होने के कारण उन्हें गोदावारी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. तबीयत बिगडने के कारण उन्हें 20 अप्रैल को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. 21 अप्रैल को इलाज के दौरान पवार की मौत हो गई. लेकिन डॉक्टर ने परिजनों को इस बात की जानकारी न देते हुए उन्हें अनजान रखकर इंजेक्शन के लिए 35 हजार रुपए की मांग की. मरीज की पत्नी को 35 हजार रुपए भरने के लिए तीन दिन का समय दिया गया. 24 अप्रैल को ऑनलाइन 50 हजार व नगद 40 हजार, कुल मिलाकर 90 हजार रुपए लेने के बाद डॉक्टरों ने दोपहर 12 बजे मरीज की मौत होने की जानकारी दी. जिसके बाद मृतक की पत्नी शुभांगी पवार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इस मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय ने शिवाजी नगर पुलिस को गोदावरी अस्पताल के संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज करने के आदेश दिये.

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