नागपुर/दि.२२ – मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार सोमवार से शहर के जिला न्यायालय सहित सभी न्यायालयों में २ सत्रों में कामकाज शुरु किया गया है. फिर भी केवल तत्कालिन मामलों का ही निपटारा किया जा रहा है. शहर में कोरोना के बढती रफ्तार और उसकी भयानकता को देखते हुए वकीलों ने सावधान रहने की भूमिका अपना ली है. न्यायालय में पहले के सामान भीड नहीं दिखाई दे रही है. कोरोना की वजह से पक्षकार के अलावा वकीलों को भी न्यायालय की सीढीया लांगने का भय सता रहा है.
बता दें कि, हाईकोर्ट के नये आदेश के अनुसार उपराजधानी का जिला न्यायालय ग्रुप-ए श्रेणी में आता है. यहां के सभी न्यायाधीश और वरीष्ठ न्यायिक अधिकारियों को उपस्थित रहना आवश्यक है. लेकिन कनिष्ठ कर्मचारियों की संख्या यहां कम रखी गई है. इससे पहले के नियमों के अनुसार केवल १५ फीसदी कनिष्ठ कर्मचारी कार्यरत थे. अब यह आंकडा बढाकर ३० फीसदी कर दिया गया है. लेकिन प्रकरणों के अलावा अन्य नियमित दिवानी प्रकरणों की सुनवाई अब तक आरंभ नहीं की गई है. नये नियमों के अनुसार केवल तत्काल और अंतिम युक्तिवाद के प्रकरणों को निपटाया जा रहा है. १९ सितंबर को जिला व सत्र न्यायाधीश एसजी मेहेरे द्बारा पारित किये गये जीआर के अनुसार अब जिला न्यायालय का कामकाज सुबह १०.३० से दोपहर १.३० और २.३० से शाम ५.३० बजे तक चलाया जाएगा. शहर में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ रहा है. मरीजों और मृतकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. जिससे आमजनों में दहशत देखने को मिल रही है. इसलिए सोमवार से न्यायालय में ज्यादा भीड नहीं दिखाई दे रही है. जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिव एड. कमल सतुजा ने बताया कि, संपूर्ण न्यायालय का कामकाज २ सत्रों में शुरु किया गया है. केवल महत्वपूर्ण प्रकरणों को ही निपटाया जा रहा है. शहर में कोरोना का प्रकोप बढ गया है. इसलिए पहले दिन ज्यादा भीड नहीं देखने को मिली. प्रकोप को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से आवश्यक सभी सावधानियां बरती जा रही है.