नागपुर/दि.29 – नागपुर के मनी लॉन्ड्रिंग विशेष सत्र न्यायालय ने नांदेड निवासी बाहेती समूह संचालक अजयकुमार चंद्रप्रकाश बाहेती (42) की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. बाहेती पर आरोप है कि, उसने जिला आपूर्ति अधिकारी से मिलीभगत करके एफसीआई के गोदाम से चावल और अनाज का गबन कर अपनी कंपनी इंडिया मेगा एग्रो लिमिटेड को भेज दिया. इससे सरकारी तिजोरी को करोडों का नुकसान हुआ और जिन गरीब लोगों के लिए यह अनाज भेजा गया था, वे अपने अधिकार से वंचित रह गए.
सर्वप्रथम नांदेड के कुट्टूर पुलिस थाने ने बाहेती और उसके अन्य साथियों के खिलाफ धारा 420, 467, असेंशिअल कमोडिटी एक्ट व अन्य धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया.
ईडी ने आरोपी के खिलाफ शुरू की जांच
इस मामले में ईडी ने आरोपी के खिलाफ जांच शुरू की, जिसमें कई चौंकानेवाले खुलासे हुए. ईडी का दावा है कि, आरोपी करीब 16 शेल कंपनियां चलाता है. इन शेल कंपनियों के जरिये कुल 55 करोड 27 लाख 43 हजार रूपए विविध खातों में भेजे गए. इतना ही नहीं, आरोपी की इंडिया मेगा एग्रो लिमिटेड और अन्य फर्जी कंपनियों के बीच कुल 278 करोड के लेन-देन का दावा भी ईडी द्वारा किया जा रहा है. ईडी ने बाहेती के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले में आरोपी 25 जून 2021 से जेल में है.
आरोपी का जेल में रहना ही सही है
मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायालय ने माना कि, इस प्रकरण में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत हैं, जांच आगे जारी रखने के लिए उसका जेल में ही रहना सही है. इसी निरीक्षण के साथ अदालत ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी. मामले में ईडी की ओर से विशेष सरकार वकील सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा.