वरूड/दि.17– मेरी कोई सुनता नहीं और न ही मुझे न्याय मिलता, ऐसी मंशा के साथ एक युवक दोपहिया लेकर न्यायाधीश को मिलने का अनुरोध करने के लिए कोर्ट के बार रुम में घुस गया. घटना शुक्रवार को दोपहर में 2 बजे के दौरान घटी. इससे वकीलों में खलबली मच गई. युवक को पुलिस के हवाले कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक घटना में बार रुम में बैठे वकील निरंजन खडककर मामूली जख्मी भी हो गए. ऐसे अचानक हुए घटनाक्रम से अदालत परिसर में हडकंप मच गया. शुक्रवार को लगातार बारिश शुरु रहने से वकील और अन्य लोगों की संख्या कम रहने के कारण बडा अनर्थ टला रहने की बात कही जा रही है.
बताया जाता हैं कि, वरुड शहर के दीवानी व फौजदारी न्यायालय में सुबह 10.30 बजे से वकील, अटर्नी और नागरिकों का आना-जाना शुरु था. न्यायालय के आदेश के अनुसार पक्षकार को उपस्थिति दर्शना रहने से न्यायालय परिसर में काफी भीड थी. हर दिन की तरह सुबह 11 बजे अदालत का कामकाज शुरु हुआ. न्यायाधीश भी अदालती कार्रवाई में सहभागी होने के लिए न्यायदान कक्ष में पहुंचे. उस समय कुछ वकील बार रुम में बैठे थे. उसमें एड. निरंजन खडककर, एड. शांतिभूषण छागाणी और एड. अनिल घाटोले के साथ कुछ अटार्नी भी वहां मौजूद थे. बारिश शुुरु रहने से और दोपहर का समय रहने के कारण भीड भी काफी कम थी. ऐसे में एम.एच.27-बी.आर.-6110 क्रमांक की दोपहिया चलाते एक युवक सीधे बार रुम में घुसा और वहां पडी टेबल-कुर्सी से जा टकराया. सभी वकील भयभीत हो गए. क्या हा गया? किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था. घटना में एड. खडककर को टेबल लगने से मामूली चोटिल हो गए. वकीलों ने उस युवक को उठाया. वह व्यक्ति कौन? वह दोपहिया लेकर अदालत में क्यों घुसा? इस बात की जानकारी ली तो पता चला कि, वह तहसील के आलोडा ग्राम निवासी जयपाल ज्ञानेश्वर गावंडे है. वह बोल रहा था कि, मेरी कोई नहीं सुनता है. इसलिए मुझे न्यायाधीश से मिलना है. वकिलों ने मामले को समझकर आखिरकार पुलिस को सूचित कर बुलवाया. दोपहिया वाहन न्यायालय परिसर में ही खडी कर पुलिस ने इस युवक को कब्जे में लिया. पुलिस की कार्रवाई जारी थी. संबंधित युवक मानसिक रोगी रहने और उसका उपचार अस्पताल में जारी रहने की जानकारी थानेदार प्रदीप चौगावकर ने दी. फिर भी युवक की मां को बुलाने और उससे जानकारी लेकर मामला दर्ज करने की बात उन्होंने कही. दूसरी तरफ वरुड बार एसोसिएशन की तरफ से भी वरिष्ठों की तरफ शिकायत की जाने वाली है. इस तरह की घटना दोबारा न हो इस मकसद से कायम स्वरुप में उपाय योजना करने की मांग वकीलों की तरफ से की जा रही है.