विदर्भ

नाले में मिला मृत अवस्था मे बाघिन का शव

वड़गांव-मुरदगांव के बीच दिखाई दिया शव, संदेह पैदा करने वाला

चंद्रपुर /दि.11– जिले के वरोरा वनपरिक्षेत्र में खांबाडा से 10 किलोमीटर की दूरी पर वडगांव मुरदगांव के बीच रोड से करीब 100 फिट के अंतराल पर नाले के पानी में 3 वर्ष की मादा बाघिन रविवार के दोपहर 1.30 बजे कुछ नागरिकों को दिखाई दी. इसकी सूचना वरोरा वनपरिक्षेत्र अधिकारी को दिए जाने पर वन अधिकारी व उनकी टीम मौके पर पहुंचकर बाघिन के शव को पानी से बाहर निकाला. शव को पोस्टमार्टम के लिए चंद्रपुर रेस्क्यू सेंटर भेजा गया. पीएम रिपोर्ट के पश्चात ही बाघिन की मौत का कारण सामने आएगा. ऐसा वनपरिक्षेत्र अधिकारी का कहना है.

रविवार की दोपहर 1.30 बजे कुछ लोगों को वडगांव-मुरदगांव के बीच एक नाले के पानी में बाघीन का शव तैरता हुआ दिखाई दिया. इसकी सूचना वनविभाग के वरोरा वनपरिक्षेत्र अधिकारी सतीश शेंडे को दी गई और वे टीम समेत घटनास्थल पहुंचकर मुआयना कर पंचनामा किया. मृत 3 वर्षीय बाघिन का रेस्क्यू कर उसे चंद्रपुर रेस्क्यू सेंटर भेजा गया. ज्ञात हो कि इस बाघिन का अस्तित्व रहने की कुछ दिनों से इस परिसर में कैमरा ट्रैप में आने वाले इसके फोटो से जानकारी मिली थी. प्रथम दृष्टया से बाघिन के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोटें नहीं थीं. इसके मौत के बारे में विस्तृत जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही दी जा सकती है.

शरीर पर किसी चोट के निशान नहीं
वनपरिक्षेत्र अधिकारी सतीश शेंडे के मुताबिक बाघिन के शरीर पर किसी भी प्रकार के घाव या निशान नहीं है. पीएम रिपोर्ट के आधार में मृत्यु की वजह का पता चल पायेगा. बाघीन की मौत पर तरह-तरह की चर्चा है. पानी में बाघिन का शरीर फूल गया है. घटना स्थल पर टेमुर्डा क्षेत्र सहाय्यक चांभारे, वरोरा क्षेत्र सहाय्यक खोब्रागडे, शेगाव क्षेत्र सहाय्यक लोनकर, अंजनगाव बीट के वनरक्षक नेवारे तथा रेस्क्यू टीम उपस्थित थी. प्रभारी सहायक वन संरक्षक जी आर नायघमकर ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रतिनिधियों और पीसीसीएफ वन्यजीव बंडू धोतरे और मुकेश भंडाकर के साथ घटनास्थल का दौरा किया गया और घटनास्थल का निरीक्षण कर बाघिन के शव को बाद में विस्तृत पोस्टमार्टम जांच के लिए चंद्रपुर के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर (टीटीसी) में ले जाया गया. आरएफओ शेंडे ने कहा कि बाघिन के शरीर के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं, जिससे अवैध शिकार की संभावना को प्रभावी ढंग से खारिज कर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौत के सटीक कारण की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही हो सकेगी.

विदर्भ में इस वर्ष 35 बाघों की मौत , 18 मौतें चंद्रपुर के जंगलों में
यह साल विलुप्त हो रहे हैं इन बाघों के लिए विदर्भ में काफी दुखद रहा. इस साल विदर्भ में इस वर्ष 35 बाघों की मौत हो चुकी है, जिनमें सिर्फ चंद्रपुर के जंगलों में ही 18 बाघों की मौतें हुई हैं. देश भर में जिस तरह बाघों की संख्या बढ़ाने की बातें होते रहती है. मगर विपरीत जिस तरह से की संख्या में वृद्धि के साथ ही इनके शिकारी की गतिविधियां भी बढ़ चुकी है. और मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में भी वृद्धि आई है. जिसके परिणाम स्वरूप अक्सर बाघों की मौतें होती है. जिनकी चर्चाएं काफी कम की जाती है. इस बाघिन की मौत भी वन्यजीव प्रेमियों के मन में संदेह पैदा करने वाली है. क्योंकि सभी जानते हैं बाघ काफी अच्छा तैराक होता है. फिर इस जवान उम्र की बाघिन का इतने से पानी में डूब के मरना यह घटना सवाल पैदा करती है. कुछ लोगों के चर्चाओं के आधार पर या तो यह किसी जहर खुरानी से, या करंट लगा के, या हिट एंड रन केस में मारी गई है. जिसे बाद में यहां नाले में फेंक दिया गया होगा? ऐसा संदेह लोगों में पैदा हो चुका है. अभी देखते हैं पीएम रिपोर्ट आने के बाद में क्या जानकारी सामने आती है. आगे की जांच वनपरिक्षेत्र अधिकारी सतीश शेंडे कर रहे हैं.

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