विदर्भ

चलती ट्रेन में चलते समय यात्री की मौत, परिवार को 8 लाख की भरपाई

 रकम चार माह में अदा करने के हाईकोर्ट के निर्देश

नागपुर/दि.05– चलते ट्रेन में चढते समय नीचे गिरने से एक यात्री की मृत्यु होने से पीडित पत्नी, बेटी और दो बेटों को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ 8 लाख रुपए भरपाई मंजूर की है. यह रकम 4 माह में अदा करने के निर्देश मध्य रेलवे को दिए है. न्यायमूर्ति गोविंद सानप की बेंच ने यह निर्णय दिया है.

जानकारी के मृताबिक मृतक का नाम गौतम पाटिल है. वह वर्धा जिले के निवासी थे. वे अपने परिवार के साथ तुलजापुर गए थे. वहां से 10 जून 2011 को वापस लौटते समय भुसावल-नागपुर पैसेंजर में बैठे थे. उन्होंने सफर की अधिकृत टिकट निकाली थी. ट्रेन बुटीबोरी रुकने पर वे खाद्य पदार्थ लेने के लिए नीचे उतरे थे. तब ट्रेन अचानक शुरु हो गई. पश्चात ट्रेन में चढते समय वह नीचे गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई. पाटिल के परिवार ने भरपाई के लिए शुरुआत में रेलवे न्यायाधिकरण में दावा दाखिल किया था. 30 मार्च 2016 को रेलवे न्यायाधिकरण ने इस दुर्घटना के लिए गौतम पाटिल खुद कारणीभूत रहने का कारण दर्ज कर भरपाई दावा नामंजूर किया था. इस कारण परिवार ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. उच्च न्यायालय ने विविध बातों को ध्यान में लेते हुए पाटिल की दुर्घटना के लिए रेलवे ही जिम्मेदार रहने की बात स्पष्ट कर न्यायाधिकरण का विवादास्पद आदेश रद्द किया, और परिवार को भरपाई मंजूर की.

*यात्रियों का ध्यान रखना रेलवे विभाग का कर्तव्य
यात्रियों का ध्यान रखना रेलवे प्रशासन का कर्तव्य है. रेलवे प्रशासन यात्रियों को अकेला छोड नहीं सकता. इस प्रकरण में रेलवे प्रशासन ने यात्री बाबत उदासिनता दिखाई. संबंधित ट्रेन का बुटीबोरी में केवल 5 मिनट स्टॉपेज था. लेकिन मार्ग खुला न रहने से यह ट्रेन वहां एक घंटा रुकी. प्रशासन ने ट्रेन देरी से होने का कारण और वह कब छुटेगी इस बाबत यात्रियों को जानकारी नहीं दी और ट्रेन अचानक शुरु होने से पाटिल गडबडी में भागते हुए ट्रेन पकडने का प्रयास करने लगी. इस कारण उनकी दुर्घटना के लिए रेलवे विभाग जिम्मेदार है, ऐसा निरीक्षण उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में दर्ज किया.

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