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बिरहा की फांसी पर फैसला सुरक्षित

हिंगणा में घटित हुआ था तिहरा हत्याकांड

* हाईकोर्ट में चल रही मामले की सुनवाई
नागपुर/दि.1 – चाय व पान टपरी की जगह को लेकर हुए विवाद के चलते तीन लोगों की नारियल काटने वाले सत्तुर से निर्ममतापूर्वक वार करते हुए उन्हें मौत के घाट उतारने वाले राजू छन्नूलाल बिरहा (55) के मृत्युदंड पर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने कल सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा. इस मामले में न्या. विनय जोशी व न्या. वाल्मिकी मेनेजेस की अदालत के समक्ष अंतिम सुनवाई हुई.
बता दें कि, जिला व सत्र न्यायालय ने 28 दिसंबर 2022 को इस तिहरे हत्याकांड की सुनवाई पश्चात अपना फैसला सुनाते हुए राजू बिरहा के लिए फांसी की सजा सुनाई है. फौजदारी प्रक्रिया सहित की धारा 366 के अनुसार इस सजा पर अमल करने के लिए इस पर उच्च न्यायालय की मुहर लगना अनिवार्य है. वहीं इस सजा के खिलाफ बिरहा ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर रखी है. ऐसे में जिला व सत्र न्यायालय की ओर से आए निवेदन एवं राजू बिरहा की ओर से आयी अपील पर हाईकोर्ट में संयुक्त रुप से सुनवाई हो रही है.
ज्ञात रहे कि, 17 नवंबर 2015 को सुबह 10 बजे के आसपास वागदरा शिवार (हिंगणा) में यह तिहरा हत्याकांड घटित हुआ था. जहां पर राजू बिरहा ने सुनील हेमराज काटांगले (31), आशिष उर्फ गोलू लहुभान गायकवाड (26) तथा कैलास नारायण बहादुरे (32) को सत्तुर से वार करते हुए मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में सरकार की ओर से एड. संजय डोईफोडे तथा आरोपी की ओर से एड. अनिल मार्डीकर व एड. सुनील जोशी द्बारा पैरवी की गई.

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