विदर्भ

जिला बैंक के घोटाला प्रकरण में पांचों आरोपियों की जमानत पर फैसला सुरक्षित

हाईकोर्ट ने सभी की याचिका पर एक साथ अंतिम सुनवाई की

नागपुर/दि.03– जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 150 करोड से अधिक रकम के सरकारी बॉण्ड खरीदी घोटाले के आरोपी तत्कालीन महाव्यवस्थापक अशोक नामदेव चौधरी (नागपुर), दलाल नंदकिशोर शंकरलाल त्रिवेदी, सुबोध चंदादयाल भंडारी, केतन कांतिलाल सेठ (मुंबई) और अमित सीतापति वर्मा (अहमदाबाद) ने शिक्षा निलंबन व जमानत के लिए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर की याचिका पर गुरुवार को न्या. उर्मिला जोशी (फलके) के समक्ष अंतिम सुनवाई पूर्ण हुई. पश्चात न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रखा.
पूर्व मंत्री सुनील केदार इस घोटाले के मुख्य आरोपी है. 22 दिसंबर 2023 को अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी न्यायालय ने इन छह आरोपियों को विविध मामलों के तहत दोषी ठहराकर प्रत्येकी 5 वर्ष सश्रम कारावास और कुल 12 लाख 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. पश्चात इन सभी आरोपियों ने सत्र न्यायालय में शिक्षा निलंबन और जमानत के लिए अर्जी की थी. सत्र न्यायालय ने सर्वप्रथम केदार का आवेदन नामंजूर किया. इस कारण उन्होंने उच्च न्यायालय में दौड लगाई थी. उन्होंने गत 9 जनवरी को विविध कडी शर्तो पर जमानत मिली. पश्चात सत्र न्यायालय ने विविध तिथियों को अन्य आरोपियों की याचिका खारीज कर दी. उन्होंने भी उच्च न्यायालय में गुहार लगाकर जमानत मांगी है.

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