विदर्भ

साईबाबा की अपील पर निर्णय सुरक्षित

सुनवाई पूर्ण, नक्सली समर्थन के कारण हो रखी है सजा

नागपुर/दि.9- नक्सलियों की हिंसक कार्रवाई मेंं समर्थन और उकसाने के आरोप में निचली अदालत द्बारा सजा सुनाए गए प्रा. नागा साईबाबा सहित 5 लोगों की अर्जी पर बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रखा है. दोनों ओर की जिरह न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्या. वाल्मिकी मैनेजेस ने सुनी. साईबाबा के साथ महेश करीमन तिरकी, हेम केशवदत्त मिश्रा, प्रशांत राही नारायण सांगलीकर और विजय नान तिरकी को गडचिरोली न्यायालय ने गत 7 मार्च 2017 को उम्रकैद की सजा सुना रखी है. जिसे आरोपियों ने अदालत में चुनौती दी है. इनके एक साथीदार पांडू पोरा नरोटे की 25 अगस्त 2022 को मृत्यु हो गई.
आरोपियों के विरूध्द कार्रवाई गडचिरोली विशेष शाखा में कार्यरत तत्कालीन सहायक निरीक्षक अतुल आव्हाड ने की थी. आव्हाड को महेश तिरकी और पांडू नरोटे के सीपीआई माओवादी और आरडीएफ जैसी प्रतिबंधित संगठन से सक्रिय रहने की गोपनीय जानकारी मिली थी. पुलिस ने दोनों पर नजर रखी. उन्हें विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त पाया गया. पुलिस ने 5 आरोपियों को पकडा. उनके विरूध्द सत्र न्यायालय में केस दायर किया. सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुना रखी है.

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