विदर्भ

शिकायत में विलंब होने पर अपराध रद्द नहीं किया जा सकता

हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

  • आरोपी का आवेदन रद्द किया

नागपुर प्रतिनिधि/दि.9 – फिर्यादी ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने के लिए विलंब करने के कारण आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं किया जा सकता, ऐसा महत्वपूर्ण फैसला मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्तिद्बय विनय देशपांडे व अनिल किलोर ने एक मामले में दिया.
शुभम राधेश्याम दरोगा (24, लोणार, जि.बुलढाणा), पंकज भोलिूसंग ठाकुर (21), निखिल संतोषिसंग ठाकुर (19, सभी हिंगणघाट निवासी, जि.वर्धा) ने उनके विरूध्द अकोला जिले के चन्नी के पुलिस थाने में दर्ज बलात्कार व अन्य अपराध का एफआयआर रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन किया था. संबंधित लडकी ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने के लिए एक वर्ष विलंब किया. जिसके कारण एफआयआर रद्द किया जाए, ऐसा उसका कहना था. उच्च न्यायालय ने आरोपी का यह मामला खोजकर निकाला. फिर्यादी ने शिकायत करने में देरी की. केवल इस वजह से एफआयआर रद्द नहीं किया जा सकता. इस संदर्भ में जांच के समय अथवा न्यायालय के समक्ष स्पष्टीकरण देने का रास्ता सरकार पास खुला रहता है. पूरा मामला कचरे की पेटी में नहीं डाला जा सकता. ऐसा न्यायालय ने स्पष्ट करके आरोपी का आवेदन रद्द किया.

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