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हैदराबाद की प्रयोगशाला से रिपोर्ट हुई प्राप्त
नागपुर/दि.1 – बेहद संक्रामक व घातक रहनेवाला कोविड वायरस का डेल्टा प्लस नामक वेरियंट उमरेड के आठ मरीजों में नहीं पाया गया है. इस आशय की रिपोर्ट हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला से प्राप्त होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है. हालांकि इन मरीजों में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार रहनेवाला डेल्टा वेरियंट पाया गया है. निरी द्वारा आठ दिन पूर्व ही इन मरीजोें के सैम्पल लेकर उन्हें जांच हेतु हैदराबाद की सीसीएमबी प्रयोगशाला में भिजवाया गया था और केवल आठ दिनों के भीतर ही गत रोज हैदराबाद से इनकी रिपोर्ट आ गयी.
जानकारी के मुताबिक उमरेड निवासी एक परिवार में विवाह समारोह हेतु मुंबई से आयी महिला के संपर्क में आने की वजह से एक ही घर के 10 लोग कोविड संक्रमण की चपेट में आ गये. जिनमें से 8 लोगों में संक्रमण के तीव्र लक्षण दिखाई दे रहे थे और उनके शरीर में कोविड वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा था. ऐसे में उनके सैम्पलों को निरी की लैब में जांचा गया. जहां पर विशेषज्ञों को वायरस के स्वरूप में कुछ बदलाव रहने की शंका हुई. ऐसे में इन सैम्पलों को ‘जिनोम सिक्वेंसिंग’ के लिए हैदराबाद के ‘सेेंटर फॉर सेल्यूलर एन्ड मॉलेक्यूलर बायोलॉजी’ प्रयोगशाला में भेजा गया. इस दौरान इन सभी मरीजों को डेल्टा प्लस वेरियंट संक्रमित के तौर पर सबसे अलग-थलग रखा गया था. किंतु आठ दिन पश्चात मिली रिपोर्ट में पता चला कि, इन आठों मरीजोें में डेल्टा प्लस वेरियंट नहीं, बल्कि पुराना डेल्टा वेरियंट ही पाया गया है. जिससे सभी ने राहत की सांस ली है.
देश में डेल्टा प्लस के 21 मामले
डेल्टा प्लस वेरियंट को ‘बी.1.617.2’ स्ट्रेन के तौर पर भी जाना जाता है और अब तक महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व फरिदाबाद में इस वेरियंट से संक्रमित 21 मरीज पाये जा चुके है. जिसके तहत मुंबई में 2, रत्नागिरी में 9, जलगांव में 7 तथा पालघर, ठाणे व सिंधुदूर्ग में 1-1 मरीज मिले है. कोविड वायरस का डेल्टा प्लस वेरियंट तुलनात्मक रूप से अधिक संक्रामक व घातक बताया जाता है.