नागपुर/दि.7-विधानसभा चुनाव के परिणाम आए काफी दिन हो गए है, लेकिन महाविकास आघाडी के पराजित उम्मीदवार हार के सदमें में बाहर नहीं निकल पाए है. कुछ चुनाव में धांधली की आशंका जता रहे हैं. इस बीच महाविकास आघाडी के विदर्भ में पराजित आठ उम्मीदवारों ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ की शरण ली है. उन्होंने ईवीएम पर शंका जताते हुए नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है.
इन उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित आठ विजयी उम्मीदवारी के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है. उनका आरोप है कि चुनाव में विविध प्रकार की अनियमितता हुई है. दक्षिण-पश्चिम नागपुर से विजयी हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ प्रफुल्ल गुडधे, दक्षिण नागपुर में मोहन मते विरुद्ध गिरीत पांडव, तिवसा में राजेश वानखडे के खिलाफ पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर, बल्लारपुर में सुधीर मुनगंटीवार के खिलाफ संतोषसिंह रावत, चिमूर में बंटी भांगड़िया विरुद्ध सतीश वारजुरकर, राजुरा में देवराव भोंगले विरुद्ध सुभाष धोटे, वर्धा में डॉ. पंकज भोयर विरुद्ध शेखर शेंडे, सिंदखेड राजा में विजयी रहे मनोज कायंदे के विरुद्ध राजेंद्र शिंगणे ने याचिका दायर की है.
* यह हैं दावे
1. चुनाव आयोग ने से चुनाव कराने से पहले कानूनन प्रक्रिया पूरी नहीं की इसके लिए तय शर्तों का पालन नहीं हुआ. इस संदर्भ में जारी अधिसूचना भी अवैध है.
2. मांग के बाद सीसीटीवी फुटेज, फॉर्म नंबर 27 नहीं दिया गया. पांच फीसदी वीवीपेट के मतगणना कराई जा सकती है. लेकिन पैसे भरने के बाद भी यह नहीं दिया गया. सूचना का अधिकार होने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई.
3. लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाडी को अपेक्षित सफलता मिली थी. लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम ने उसे बड़ा झटका दिया. इस परिणाम पर विश्वास नहीं किया जा सकता. चुनाव में खूब अनियमितता हुई.