विदर्भ

नांदगांव पेठ से पांढुर्णा हाईवे पर टोल नाका रद्द करने की मांग

विधायक देवेन्द्र भुयार ने की केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी से मुलाकात

मोर्शी/दि.7– नांदगांवपेठ-मोर्शी-वरुड-पांढुर्णा राष्ट्रीय राजमार्ग का काम अधूरा होने के बावजूद वरुड-मोर्शी अमरावती राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुसला और निंभी में टोल नाका शुरू करने के निर्णय से क्षेत्र के नागरिक कड़ी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. जबकि मोर्शी-वरुड तहसील के लोग इस राजमार्ग पर बड़ी संख्या में अमरावती आते-जाते हैं, मोर्शी-वरुड तहसील के नागरिकों को नांदगांवपेठ के टोल नाके पर सैकड़ों रुपये टोल वसूलने की परेशानी उठानी पड़ती है, लेकिन अब फिर से टोल नाका पुसला और निंभी में खोलने का निर्णय होने से बढते असंतोष के चलते विधायक देवेन्द्र भुयार ने निंभी में टोल बूथ रद्द करने के संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की है और वरुड-मोर्शी तहसील के नागरिकों को राहत देने की मांग की है.

2017-18 से 2019-20 की अवधि के दौरान, लोकनिर्माण विभाग (एनएच) महाराष्ट्र राज्य के माध्यम से नांदगांव पेठ से पांढुर्णा तक 0-95 किमी फोरलेन का कार्य एचजी इंफ्रा कंपनी के माध्यम से किया गया था. लेकिन कांक्रीटीकरण केवल 70 किमी हुआ है. 25 किमी अभी भी सिंक्रोनाइज्ड है. वन विभाग की शर्तों के कारण पिछले 4 साल बाद भी सड़क पूरी नहीं हो पाई है. लेकिन आज एनएचएआई उक्त सड़क पर पांढुर्णा सीमा से पुसला तक 10 किमी की दूरी पर 1 टोल नाके का निर्माण शुरू कर रहा है. साथ ही पुसला से निंभी की दूरी 51 किमी है और वहां दूसरा टोल प्लाजा निर्माणाधीन है. निंभी से नांदगांव पेठ की दूरी 33 किमी है और वहां तीसरा टोल गेट शुरू हो चुका है. उक्त सड़क का कुल निर्माण 0 से 95 किमी एवं 25 किमी है. सड़क पूरी नहीं हुई है. इसका मतलब है 70 किमी और उक्त 70 किमी में 35 किमी के 2 टोलनाके हैं. नांदगांव पेठ के बड़े टोल गेट पर पांढुर्णा और अमरावती के बीच कुल 3 टोल और वरुड और अमरावती के बीच 2 टोल का भुगतान करना होगा.

जब तक उक्त सड़क का कार्य शत-प्रतिशत सीमेंटीकरण एवं पुल का कार्य पूर्ण नहीं हो जाता है. साथ ही जब तक सड़क सुरक्षा मानक नहीं अपनाए जाते, तब तक उक्त मार्ग पर पुसला रोड. केदार के खेत के पास और निंभी, साबले के फार्म के पास टोल नाके नहीं खोले जाने चाहिए. विधायक देवेन्द्र भुयार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से अपील की है कि, उनसे टोल के रूप में आर्थिक बोझ नहीं लिया जाए और जब तक उक्त निमार्ण कार्य पूर्ण नहीं हो जाता तब तक पुसला और निंभी में टोल नाके शुरू नहीं किए जाएं.

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