विदर्भ

कड़े नियम के बावजूद 47 हजार बगैर टिकट वाले यात्री

नागपुर/दि.3 – कोरोना काल में रेलवे गाड़ी में यात्रा के नियम कड़े किये गये फिर भी गत वर्षभर में कोरोना काल में भी मध्य रेल्वे के नागपुर विभाग में करीबन 47 हजार बगैर टिकट यात्रा करने वालों पर कार्रवाई की गई.
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिये कड़े निर्बंध लगाये गये हैं. इस पार्श्वभूमि पर गत वर्ष मार्च माह से रेल्वे गाड़ियां बंद ही रखी गई. दरमियान कोरोना की दूसरी लहर में गाड़ियां शुरु की गई फिर भी यात्रियों की संख्या कम है. दरमियान पहली लहर के चलते भी विशेष रेल्वे गाड़ियां शुरु की गई. इस समय सिर्फ आरएसी या कन्फर्म टिकट वालों को ही प्रवेश दिया गया. इतनी दखल लेने के बावजूद भी बगैर टिकट यात्रियों ने यात्रा की. 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक नागपुर विभाग में 47 हजार 258 बगैर टिकट यात्रियों को पकड़ा गया. नियमानुसार उनके पास से जुर्माना वसुल कर आगे की यात्रा हेतु अनुमति दी जा सकती है, लेकिन कोरोना काल में कन्फर्म टिकट नहीं होने से यात्रा की अनुमति नहीं मिलने से बगैर टिकट यात्रियों को बाहर निकालना अपेक्षित था. लेकिन रेल्वे ने उनके पास से करीबन 2 करोड़ 94 लाख का जुर्माना वसुल कर अपेक्षित स्थान पर यात्रा की अनुमति दी.

अनोखा मार्ग

रेल्वे सूत्रों के अनुसार, कन्फर्म टिकट नहीं मिलने के कारण यात्रियों व्दारा जहां तक मिल सके वहां तक की टिकट लेते हैं. आगे टीटीई को दंड सहित रकम भरकर यात्रा करते है. इन यात्रियों को पासिंग पॅसेंजर कहा जाता है. इस तरीके से टिकट न रहने के बावजूद भी अपेक्षित यात्रा पूरी करना संभव है. टिकट कन्फर्म न होने पर सामान्यों को पैसे भरकर भी यात्रा करने नहीं मिलती. उसी समय टिकट न रहने वालों ने मात्र यह मार्ग खोज निकाला है.

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