विदर्भ

टिकट का आरक्षण रहने के बावजूद यात्रियों को सफर में हो रही परेशानी

ग्रीष्मकाल में ट्रेेनो में बढने लगी भीड

* टीटीई को अब 6 कोच की जांच के आदेश
नागपुर/दि.25– ट्रेन में टिकट जांच की कमी रहने से स्लिपर और सामान्य कोच में टीटीई कभी-कभी दिखाई देते है. लेकिन अब ट्रेनो में भीड बढने का कारण बताकर टीटीई को तीन कोच की बजाए 6 कोच की जांच करने की सूचना रेलवे विभाग ने दी है. जिससे यात्रियों को टिकट आरक्षित रहने के बावजूद काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है.

ग्रीष्मकाल में आरक्षित कोच में काफी भीड होने लगी है. इस कारण आरक्षित टिकट रहने के बावजूद यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड रहा है. टीसी कोच में आते न रहने की शिकायत बढ गई है. इस कारण मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्य व्यवस्थापक ने टीटीई के लिए पत्र जारी किया है. इसके मुताबिक ग्रीष्मकाल के तीन माह टीटीई को स्लिपर कोच के 6 डिब्बो की जांच करनी पडेगी. वर्तमान में वे तीन कोच की जांच करते है. राजधानी, वंदे मातरम, शताब्दी और प्रमुख ट्रेनो में 8 एसी कोच में एक टीटीई को जांच करना है. वर्तमान में इन ट्रेनो में 5 एसी कोच में एक टीटीई की नियुक्ति रहती है. टिकट चेकर को केवल उनके विभाग में ट्रेन रहने तक टिकट की जांच करते आ सकती है. साथ ही रात 10 से सुबह 6 बजे तक टिकट की जांच करते नहीं आ सकती. किटक जांच की नई व्यवस्था प्रायोगिक तत्व पर की गई है. रेलवे विभाग की इस निर्णय को रेलवे कामगार संगठना ने आपत्ति जताई है.

मनुष्यबल की कमी के कारण टीटीई को 5 से 6 कोच की जिम्मेदारी दी गई है. वे सभी कोच में पहुंचकर यात्रियों से पूछताछ नहीं करते. स्लिपर कोच और जनरल डिब्बो में टीटीई भटकते भी नहीं. इस कारण यात्रियों को अवैध रुप से कोच में घूसे नागरिकों का सामना करना पडता है. साथ ही खाद्यपदार्थ विक्रेताओं की गुंडागर्दी भी सहन करनी पडती है. अब ग्रीष्मकाल में टीटीई को अधिक कोच की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन टीटीई ने हर कोच में जाकर यात्रियों से मुलाकात की क्या यह कौन देखेगा, ऐसा प्रश्न भारतीय यात्री केंद्र के सचिव बसंतकुमार शुक्ला ने किया है.

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