नागपुर/दि.3 – विकास के नियोजनानुसार जरुरी निधि प्राप्त न होने पर दस्तावेजों पर ही रखा जाता है, ऐसा चित्र देशभर के ग्रामपंचायत के विकास नियोजन के अमल पर दिखाई दे रहा है. केंद्रीय पंचायत राज मंत्रालय के आंकडे के अनुसार 2021-22 वर्ष में राज्य के 27897 ग्रामपंचायतों ने उनके नियोजन में (जीपीडीपी) प्रस्तावित किया. 4.92 लाख काम में से केवल 9 काम पूरे हुए है. इसके कारण नियोजन केवल दस्तावेजों पर ही होने की बात स्पष्ट हुई है.
केंद्र सरकार की ओर से ग्राम विकास के लिए हर ग्रामपंचायत को वहां की जनसंख्या के आधार पर निधि दी जाती है. यह निधि कैसे खर्च की जाए और कितनी खर्च करना है, यह भी बताया जाता है. अन्य योजना में से ग्रामपंचायतों को विकास काम का नियोजन करना होता है. इसके लिए हर ग्रामपंचायत को विकास नियोजन तैयार करना पडता है. उसमें प्रस्तावित कामों का समावेश होता है. पंचायत राज मंत्रालय की ओर से प्राप्त्ा जानकारी के अनुसार 2021-22 में देशभर के ग्रामपंचायतों ने तैयार किये जीपीडीपी की संख्या कुल 2 लाख 69 हजार 351 है. महाराष्ट्र की संख्या 27897 है. इसमें शामिल योजना की संख्या 4.92 लाख है. उसमें से पूरी की गई योजना की संख्या केवल 9 है. देशभर में अन्य राज्य में भी ऐसी ही स्थिति है. पर्याप्त निधि न मिलना यहीं कारण सामने रखा जा रहा है.
राज्य निहाय आंकडे
(कोष्टक में पूर्ण हुए काम)
आंधप्रदेश- 178271 (0), आसाम- 39394 (0), बिहार- 158266 (2), छत्तिसगड- 188137(3), गुजरात- 133706 (4), हरियाणा- 38471 (5), झारखंडे- 164750 (50), कर्नाटक- 132849 (20), मध्यप्रदेश- 349696 (82)