विदर्भ

नवरात्रौत्सव में भाविक श्रध्दालु नहीं जा पायेंगे तुलजापूर

उस्मानाबाद/दि.३ – प्रति वर्ष समूचे राज्य से कई भाविक श्रध्दालुजन नवरात्रौत्सव के दौरान पैदल चलते हुए तुलजापूर स्थित तुलजा भवानी देवी के मंदिर में देवीदर्शन हेतु पहुंचते है और अपने साथ ज्योत ले जाते है, लेकिन इस बार ऐसे सभी श्रध्दालुओं के तुलजापूर आने और ज्योत ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा नवरात्रौत्सव के दौरान कुछ गिने-चुने पूजारियों, महंतों व सेवाधारियों की उपस्थिति में धार्मिक परंपरा व प्रथा के अनुसार तुलजा भवानी देवी की धार्मिक विधी व पूजा की जायेगी. देश के साढे तीन शक्तिपीठों में से पूर्ण पीठ के रूप में पहचान रखनेवाले तुलजाभवानी देवी मंदिर में आगामी १७ अक्तूबर से नवरात्रौत्सव का प्रारंभ हो रहा है. प्रतिवर्ष घटस्थापना से पहले समूचे राज्य के सैंकडों नवरात्रौत्सव मंडल भवानी ज्योत ले जाने हेतु तुलजापूर पहुंचते है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के लगातार बढते कहर को देखते हुए अन्य शहरों व जिलों में रहनेवाले भाविक श्रध्दालुओं के तुलजापूर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे में इस बार सैंकडों नवरात्रौत्सव मंडल भवानी ज्योत प्राप्त करने से वंचित रह जायेंगे.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, घट स्थापना के बाद भी उस्मानाबाद, लातूर व आसपास के जिलों सहित आंध्रप्रदेश व कर्नाटक से जगदंबा माता के दर्शन करने हेतु पैदल आनेवाले श्रध्दालुओं की संख्या लाखों में होती है. साथ ही कोजागिरी पूर्णिमा के उत्सव हेतु पडौसी जिले सोलापुर से हजारों श्रध्दालुजन तुलजापूर के मंदिर में पैदल चलते हुए पहुंचते है, लेकिन इस बार यहां पर ऐसा कोई दृश्य दिखाई नहीं देगा.

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