* जनजागृति आवश्यक
नागपुर/दि.6- देश की प्रसिद्ध चिकित्सक और लखनऊ मेडिकल साइंस संस्थान की प्रमुख डॉ. शुभा फडके ने दावा किया कि आनुवंशिक चिकित्सा के क्षेत्र में हाल ही में काफी प्रगति हुई है. अब गर्भावस्था में ही टेस्ट कर बच्चों में होने वाले अनुवंशिक रोग का निदान संभव है. करीब 6 हजार आनुवंशिक बीमारियां है. ऐसे में टेस्ट एवं बीमारी का उपचार फिलहाल महंगा है. सरकार को इस पार्श्वभूमि में नीति तैयार करनी चाहिए.
डॉ. फडके ने कहा कि आनुवंशिक चिकित्सा से जटिल बीमारियों का शीघ्र निदान एवं उपचार संभव है. इसके लिए बालरोग विशेषज्ञ को प्रशिक्षित किया जा रहा है. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में यह प्रशिक्षण उपलब्ध है.
डॉ. फडके इंडियन साइंस कांग्रेस में हिस्सा लेने नागपुर पधारी हैं. गुरुवार को उन्होंने पत्रकारों से संवाद किया. उन्होंने इस दौरान कहा कि आनुवंशिक चिकित्सा के तहत प्रसव से पहले टेस्ट के आधार पर गर्भपात के फैसले, गर्भपात को लेकर बनाए गए कानून, सरोगेसी, अनैतिक व्यवहार, शोषण आदि विषयों पर जागरुकता आवश्यक है. आनुवंशिक चिकित्सा को लेकर साक्षरता बढ़ाना भी आवश्यक है.